थोडा सा इश्क़ (A little love)part 4

 जरा एक बात बताना तो सही!!!

तुझे एक बार पाने के लिए…..

कितनी बार खोना पड़ेगा खुद को ही???


हैलो दोस्तों ,कैसे हैं आपलोग ? मैं अपना वायदा निभाते हुए मुख़ातिब हूँ आपलोगों से । उम्मीद करता हूँ कि आपने इस स्टोरी के पहले आ चुके पार्ट पढ़ रखे होंगें और अगर नहीं पढ़े हैं तो पढ़ लें जाकर ताकि आप इश्क़गली की राहें न भूल जाए और ज्यादा लुफ्त लें इस थोड़े से इश्क़ का। 

      <तोड़ा सा इश्क़ भाग १

       <तोड़ा सा इश्क़ भाग 2

       < थोड़ा सा इश्क़ भाग 3

       <राहुल और अंजू की कहानी

तो चलिए मैं आपको आगे की कहानी पर ले चलता हूँ आपका किमती समय बर्बाद न करते हुए।  


इसे क्या हुआ है ऐसे मुंह लटकाये क्यों बैठा हैं?अमित ने जय को देखते हुए धीमें से मुदित से पूछा।

यार मेरे को भी नहीं पता ,कल शाम में मैंने जब इसे फोन किया था न भाई तो पूछो मत ,मैंने बस इतना कहा कि कोई Romantic movie देखने चलते हैं, मां क़सम इतनी गलीज़ गालियाँ दी न मुझे इस बन्दे ने कि अभी तक मुझे ख़ुद से घिन आ रही है, मुदित ने सेब खाते हुए अमित की तरफ थोड़ा झुककर कहा था ताकि जय न सुन ले।

ले भई इसमें क्या नया हैं? हम सब को तो पहले से ही तेरे से घिन आती है । शुकर है तुझे असलियत का एहसास हुआ और तेरे सामने भी तेरा घिनौना चेहरा आ गया। अमित इतना कहते ही वहाँ से फूचक्कर हो गया।


रुक शाले तेरी तो…. मुदित ने खींच के अपना सेब अमित को मारा पर हाय रे! उसकी बदक़िस्मती ! अमित पीछे की ओर झुक गया और सेब ताडू  आवाज के साथ जय के सिर पर लगा।

दोनों सन्न !आवाक् खड़े ,क्या करें अब ? अमित Common room के दरवाजे के पास और मुदित जय के सामने थोड़ी दूरी पर उसी बॉलिंग पोजिशन में जिसमें उसनें सेब फेंका था।


इससे पहले की जय अपना सिर सहलाने के बाद उन दोनों को कुछ कह पाता अमित और मुदित दोंनों के दोनों वापस से जय के सिर को पकड़ कर दबाने लगें, भाई भाई इसमें मेरी गलती नहीं है मैंने तो इस कमीने को मारा था, मुदित ने एक लात जड़ दी अमित को।


अच्छा साफ-साफ बोलने की हिम्मत न हैं अब क्या?

मैं ही बोल दूं कितनी गन्दी-गन्दी गाली दे रहा था तू जयभाई को ?अमित ने अपनी चाल चली।


अरे थोड़ी तो शरम कर झूठ बोलते हु……

अच्छा तो मैं सच बोलूं तो तू मुझे झुठा कहेगा देख रहे हो  जयभाई।

Shut up! उतनी देर से तुम दोनो की बकवास सुन रहा हूँ, तुम लोंगो को दिखता नहीं कि यहाँ मैं बैंठा हूँ? जय गुस्सा दिखाते हुए बोला।

तू बैठा है ये तो दिख ही रहा है पर तू उदास बैठा है ये भी दिख रहा है। पता नहीं पीछे से कहीं से देव आ गया।


मैं Lab में जा रहा था तो तुम लोंगो को भी बुलाने चला आया और हां जय कल तुमनें और समीर ने Lecture attend नहीं किया था ,इसीलिए तुम दोनो की स्लेट मैंने बना दी है, तुम्हारी स्लेट तुम्हारे बैग में रख दी है,अभी जाकर विनीता मैम को दिखा आना।


इतना कहने के बाद देव दोनो हाथ क्रास पोजिशन में करके खड़ा हो गया शायद कुछ सोचते हुए।उसने मुदित और अमित को देखा और फिर जय को जो न उसे देख रहा था और न ही शायद उसकी कोई बात सुनी थी। देव ने अपनी घड़ी देखी कुछ सोचा फिर बोल ही पड़ा,


क्या यार मुंह लटकाये बैठा है जान ,I don’t know रितु तुझे सोना,बाबू,जानू क्या कहती है पर यार हम लोग तुझे जान मानते हैं, देव जय के बगल की सीट पर बैठ गया।

चल कोई कुमार जी की कविता सुना दे। देव ने जय का मूड बदलने की कोशिश की।

हां यार कबसे नहीं सुनाई कोई कविता कुमार साहब की ,मुदित ने देव की बात का समर्थन किया।

अरे वो वाली क्या थी वो कविता अरे तेरी

पसंदीदा वाली……हां ” कोई दिवाना कहता है वाली ।अमित ने काफी याद करते हुए एक कविता सुझाई।

तुम लोंगो का Lecture छूट जाएगा, जय ने अपनी  सीट से उठते हुए कहा।

देव ने झट से जय का हाथ पकड़कर रोकते हुए कहा- तेरे लिए तो हम सब कॉलेज छोड़ दे ये लेक्चर क्या चीज है।

और नहीं तो क्या तेरी हंसी से ज्यादा कुछ भी ज़रूरी नहीं है हमारे लिए।अमित ने प्यार से अपने हाथ जय के कन्धों पर टिका दिए।

यार तुम लोंग भी न शान्ति से उदास भी नहीं रहने देते कमीनों |जय आंखो मे नमी लिए मुस्कुरा उठा। उसकी एक मुस्कान ने जैसे Common room की हजारों उदासियाँ दूर कर दी हो।


इतने में समीर भी आ गया रितु को लेकर ,

रितु को देखते ही अमित उछल पड़ा “ले अब तो भाभी भी आ गयीं अब तो खुश हो जा । पता नहीं जय को अमित का मजाक बुरा लगा या कुछ और, जय वहाँ से चला गया बिना रितु की तरफ देखे।

अबे !इसे क्या हो गया? मुदित हैरान होते हुए बोला। कुछ नहीं मैं जाकर देखतीं हूँ, रितु ने अपना हैण्डबैग मुदित को थमा दिया और जय के पीछे चली गयी।


तो दोस्तों आज की कहानी मैं यहीं पर रोक रहा हूँ जल्दही ही आप लोगों से फिर मिलता हूँ आकर तब तक आप अपना और अपनो का खयाल रखे और हां इश्क़ भी करते रहें खुद से भी अपने हमदम से भी।

Story in English

It is right to say one thing!!!

 To get you once….

 How many times do you have to lose yourself ??


 Hello friends, how are you guys?  Keeping my promise, I am talking to you all.  I hope that you must have read the earlier parts of this Story and if you have not read then go and read it so that you do not forget the path of love and enjoy more of this  a little love.So let me take you to the next story without wasting your precious time.

        <  A little love part 1 

       < A little love part 2


What has happened to it, why are you sitting hanging like thi Seeing Jai, Amit slowly asked Mudit?

Dude, I don’t even know, when I called this last evening, don’t ask brother, I just said that let’s go to watch some romantic movie

 Mother swears so harshly and abused me, this man that till now I am disgusted with myself, Mudit said while eating apple, leaning slightly towards Amit so that Jai would not hear it.


 What’s new in this?  We all already hate you.  Thank goodness you realized the reality and your disgusting face came in front of you too.  Amit says so 

Ruk Shale Teri Toh…. Mudit dragged his apple and hit Amit but hi!  His bad luck!  Amit leaned back and tamped the apple with a voice it hit Jai’s head

 Both stunned! Standing speechless, what to do now?  Amit near the door of the common room and a short distance in front of Mudit Jai in the same bowling position in which he threw the apple


 Before Jai could say something to both of them after caressing his head, both of Amit and Mudit started pressing Jai’s head from the back, brother brother, it is not my fault in this, I had killed this bastard, Mudit did a  kick To Amit.

 Don’t have the courage to speak clearly now what I should only say how dirty you were abusing Jaibhai? Amit did his trick.

Oh I’m a little shy and I lie….

 Well, if I tell the truth then you will call me a liar.

 Yes Jaibhai

 Shut up!  I have been listening to the nonsense of both of you for so long, you people do not see that I am sitting here?  Jai said angrily


 You are sitting, it is visible but you are sitting sad, it is also visible.  Don’t know,Dev came from behind from somewher


 I was going to the lab so you also came to call the people and yes Jai yesterday you and Sameer did not attend the lecture, that’s why I have made the slate of both of you, I have put your slate in your bag, just go to Vineeta mam and show. 


 After saying this, Dev stood with both hands in the cross position, perhaps thinking something. He looked at Mudit and Amit and then at Jai who was neither looking at him nor talking about him.

 Had heard  Dev looked at his watch, thought something and then had to say.

Is my friend sitting hanging my face, I don’t know what Ritu tells you to sona, babu, know, but man, we consider you to be Jaan, Dev sat on the seat next to Jay.

Come on let someone listen to Kumar ji’s poem.  Dev tries to change Jai’s mood

 Yes yaar kabse nahi sai koi poetry of Kumar sahib, Mudit supported Dev’s point

Hey that poem, what was that poem Oh your favourite

 Favorite Wali….yes.” Koi Deewana Kehta Hai Wali. Amit remembered a lot and suggested a poem

 You will miss the lecture, Jai said, getting up from his seat

 Dev hurriedly holding Jai’s hand and stopping and said – for you, we should all leave the college, what is this lecture otherwise, nothing is more important to us than your laughter. Amit lovingly rests his hands on Jai’s shoulder

 Dude, even you people don’t let you remain sad with peace, bastards. Jai smiled with moisture in his eyes.  His one smile as if removed a thousand sorrows of the common room


 In this, Sameer also came with Ritu

 Amit jumped on seeing Ritu, “Let’s now sister-in-law has also come, now be happy. I don’t know if Jai felt bad about Amit’s joke or something else, Jai left from there without looking at Ritu.

 Abe! What happened to it?  Mudit said in surprise.  Nothing I go and see, Ritu hands over her handbag to Mudit and goes after Jai.


 So friends, today’s story I am stopping here, soon I will meet you guys again, till then you take care of yourself and your loved ones and keep on loving yourself as well as your soul mate


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