खुशी के पल लखनऊ यूनिवर्सिटी में

 आज सुबह  मैं जल्दी उठा और अपने गांव  तैयार होकर अपने विश्वविद्यालय की तरफ निकला,जल्दी इसीलिए क्योंकि आज मेरी प्रैक्टिकल क्लास थी  । मैं बड़ी खुशी खुशी कॉलेज पहुंचा but unfortunately ये खुशी ज्यादा देर नहीं रही।

 मुझे करीब 2 बजे पता चला, आज प्रैक्टिकल क्लास नही होंगी। मुझे बहुत गुस्सा आया। जिस क्लास के लिए मैं इतनी खुशी खुशी घर से निकला था। वो  इस लिए नही हुई कि मैम ट्रेन लेट होने के कारण university नहीं पहुंच पाई थी। खैर मैं थोड़ी देर psychology department के सामने बैठा रहा, 

तभी सामने से मेरा प्यारा दोस्त केशव भी आ गया था। अब यूनिवर्सिटी त  आ गए थे,लेकिन क्लास नही थी। 

ऊपर से धूप भी बहुत हो रही थी। तो मैंने केशव से कहा चल कहीं छांव में बैठते हैं। 

तो हम दोनो टैगोर लाइब्रेरी के सामने चल रहे वाटर fountain के पास बैठ गए। तभी वह मेरे और भी दोस्त जैसे Janu, nature और भी कुछ दोस्त थे। 

हम सब वाटर fountain के पास बैठ कर इधर उधर की  बातें कर रहे थे, और खूब हसीं मजाक कर रहे थे। आज लगभग दो  साल बाद मैं एक साथ इतने सारे दोस्तों के साथ बैठा था, मुझे मेरे कॉलेज वाले दिन याद आ गए।

 मेरे लिए ये एक इमोशनल मोमेंट था क्योंकि कॉलेज के बाद ये पहली बार हो रहा था की मैं university में पहली बार एक साथ बैठ कर दोस्तों के साथ इंजॉय कर रहा था। ना क्लास की टेंशन थी ना टाइम की ( मैने तो इतनी देर में ना तो घड़ी की तरफ देखा न ही अपने मोबाइल को ऑन किया, जो की मेरे साथ बहुत दिन बाद हो रहा था कि मैं घड़ी में टाइम  और मोबाइल को इतनी देर न देखूं, अमूनन university में क्लास खत्म होने के बात मैं अपने रूम पर चला जाता था) लेकिन आज तो मैं  university में चल रहे वाटर fountain को बस देखे जा रहा था। 

जी कर रहा था ऐसे ही इन्हे देखता रहूं । ऐसा लग रहा था  वाटर fountain से उठने वाली पानी की किरणे आसमान को छू रही हो। जी कर रहा था इन्हे उड़कर पकड़ लूं ।

वाटर fountain के पास बन रही पानी की wave ऐसे चल रही थी कि हर wave के साथ दिमाग चल रहा कोलाहल एक दम शांत हो रहा था। 

धीरे धीरे मुझे बहुत ही फ्रेश फील हो रहा था , वाटरफाउंटेन के पास लगे पौधों से छनकर जो हवा मुझे लग रही थी, वो इस गर्मी में मुझे शीतलता का अनुभव करा रही थी। 

फाउंटेन को देखकर मुझे 10th standard की बहुत याद आ रही थी, क्योंकि 10th standard में इंग्लिश में एक lesson था “the fountain’’ मुझे आज उस lesson में फव्वारे के बारे में पढ़ी हर चीज मेरे सामने लाइव चल रही थी। 

आज का university में बिताया गया ये दिन शायद मुझे लाइफ टाइम याद रहेगा, याद भी क्यों न रहे मोमेंट ही ऐसा था जिसने मुझे मेरे सारे दोस्तों की याद करा दी आज खैर मिलते है अगले  ब्लॉग में  । मिस यू दोस्तों 

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