A Wild heart part-20

 इस एक महीने में कात्यायन ब्रदर्स की तरफ से कोई सुगबुगाहट उठी हो या नहीं लेकिन बाकी कम्पनीज़ जरूर नंदिनी की हिम्मत को मान गई थी। इसकी वजह ये थी कि उन लोगों की आम लोगों से जुड़े होने की वजह से कई कम्पनीज़ उनके साथ काम करना चाहती थी लेकिन जैसा की कात्यायन ब्रदर्स का उन्होंने रुख देख के रखा था तो उसके आधार पर रिस्क लेने को बिलकुल तैयार नहीं थें। एक तो अभी दो साल पहले ही सुनने में आया था कि जब कनाडा,जापान, और बेल्जियन में अपनी कंपनी खोलने के बाद जब अमेरिका में क्लिंटास इंडस्ट्रीज से डील करने गए थे तो वहाँ के CEO ने तो उन्हें मिलने के लिए टाइम तक नहीं दिया था। अब जब ऐसी बड़ी कंपनी हाथ खींच ले तो यहाँ की कम्पनीज़ कैसे रिस्क़ ले ले, लेकिन पता नहीं नंदिनी सिंघानिया को क्या सूझा जो आग में हाथ दे दी।     

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मिस्टर वेद अब आप क्या कहना चाहेंगे आप इस डील को पूरा एक महीना हो रहा है। मेरा फैसला सही दिशा में जा रहा हैं कि अभी भी आपको कुछ गलत लग रहा हैं? वेद के साथ कंपनी के लिए नए प्लान्स डिस्कस करते हुए अचानक से नंदिनी ने ये सवाल उससे पूछ लिया।                                                          

मैम मैं इसमें सिर्फ अपनी राय दे सकता था जो मैं दे चुका हूँ बाकी आपके फैसले के बारे में कुछ कहना मेरे अधिकार क्षेत्र के बाहर हैं। मैं अपने फैसले पर कुछ नहीं पूछना चाह रही थी मेरा मतलब तो ये जानना था कि क्या आपको लगता हैं कि इस डील में आगे कोई खतरा हैं? जिस तरह से अग्रीमेंट बनवाया हैं आपने उसके हिसाब से तो जब तक आप ना चाहे वो दूसरी कम्पनी से डील नहीं कर सकते तो मुझे तो कोई खतरा नज़र नहीं आ रहा है फिलहाल तो बल्कि हमारी कम्पनी का फायदा ही है क्योंकि आपने 80% शेयर्स पर दाँव लगाया हैं उनके तो केवल 20%ही हैं।

  हाँ सही हैं। नंदिनी के चेहरे पर मुस्कान थी घमंड की या जीत की ये समझ नहीं आ रहा था।शायद घमंड की ही क्योंकि उसने ऐसा दांव चला हैं कि उसके सभी विरोधी चारों खाने चित हो गए हैं उसका सबसे बड़ा आलोचक भी कह रहा हैं कि खतरा नहीं कोई वो भी आज मेरे दिमाग को मान गया। उसकी निगाह सामने लगे कांच के फ्रेम वर्क पर पड़ी तो उसकी मुस्कुराहट थोड़ी और चौड़ी हो गई लेकिन ज्यादा देर तक उसके होठो की लम्बाई उसके गालों को नसीब ना हुई क्योंकि शीशे के उधर उसे कोई और चेहरा भी नज़र आया। समीर…….?                    

  मेरे लाख मना करने के बाद भी तुम इस फील्ड में आयी और आज अपने करिअर की पहली बड़ी डील भी साइन की मुझे ख़ुशी हैं इस बात की। लेकिन मैं चाहता हूँ की ये ख़ुशी तुम्हारे चेहरे पर ना दिखें इतनी ज्यादा जितनी दिख रही है क्योंकि मुझे इसमें घमंड नज़र आ रहा हैं इसमें। क्योंकि ये जो घमंड होता हैं ना बाकी सब कुछ भूला देता हैं और कहता है तुमने सब कुछ हासिल कर लिया लेकिन ऐसा कभी नहीं होता पूरा इंसान सारी जिन्दगी कभी काम करता रहे सक्सेस पाता रहे लेकिन वो सब कुछ हासिल तब भी नहीं कर पाता।इसीलिए जब भी तुम्हें इस तरह की ख़ुशी मिले तो तुरंत खुद से कहना की अभी तो मुझे और चलना हैं।                                                        एक बात बताएँगे सैम आप कनाडा में प्रोग्रेस कर रहे हो मुझे कोई शिकायत नहीं लेकिन मैं इंडिया में ही आगे बढ़ रही हूँ तो आपको जलन हो रही हैं?                               उफ़ कितनी कड़वी हो गई हो तुम नंदिनी, क्या हो गया हैं तुम्हें? जो भी हुआ हैं आप लोगों की ही दया हैं चार साल पहले आप ही मुझे ऐसी बना के गए थें तो आज भी वैसी ही हूँ।             
   मैं मानता हूँ कि मैं इंडिया नहीं आ पा रहा हूँ लेकिन मैंने तुम्हें तो यहाँ कई बार बुलाया है लेकिन तुम आती नहीं….           
 किस लिए आना हैं भाई मेरे हिस्से का वक्त, मेरे हिस्से के पैसे,मेरे हिस्से की फ़िक्र ये सब तो आपको उस रोज़ पर खर्च करने हैं तो मैं क्या करुँ आकर वहाँ।                       तुम अभी तक वो वाली बात लिए बैठी हो मैं सच कहता हूँ कि उस वक्त रोज़ को पैसों की बहुत जरुरत थी क्योंकि….. सफाई की कोई जरुरत नहीं हैं और ना ही अब आपको इंडिया आने की ही कोई जरुरत हैं अपने पैरों पर खड़ी हो गई हूँ मैं और पापा का ख्याल भी रख सकती हूँ। आप हम दोनों की कोई चिंता ना करें खुद खुश रहें और रोज़ को भी खुश रखें अरे हाँ याद आया आप तो पापा बनने वाले हैं Congratulations आपकी शादी में नहीं आ पायी थी लेकिन बेबी होने पर डैडी के साथ मैं भी आने की कोशिश करुँगी।                                      
जैसा तुम्हें ठीक लगे लेकिन मैं जानता हूँ पहले से ही कि तुम नहीं आ पाओगी आफ्टर आल तुम तो एक बिज़नेस वुमन बन चुकी हो उभरती हुई तो फुर्सत कहाँ मिलेगी तुम्हें। मैं दुआ करता हूँ कि जल्द ही तुम पूरे इंडिया में छा जाओ और इसके साथ ये भी दुआ करूँगा कि जब भी तुम्हें ऐसे हँसता हुआ कोई देखें तो रोकने वाला जरूर हो कोई क्योंकि मैं नहीं चाहता कि ये हँसी तेरे रोने की वजह बने कभी।     

  मैम…. मिस्टर शुक्ला आएं हैं आप से अभी मिलना चाहते हैं। तनु ने दरवाजे पर दस्तक दी जिससे नंदिनी का ध्यान टूट गया। मिस्टर शुक्ला आए हैं। वेद की आवाज मे हैरानी दिखी। लेकिन नंदिनी ज़रा भी हैरान नहीं लगी “,बिठाओ चल के उन्हें मैं आती हूँ।” जी मैम, तनु ने कहा और चली गई।नंदिनी ने अपना सेलफोन उठाया और किसी को कॉल कर दी।                  

हाँ बक्शी सर कैसे है? वेद ने जैसे ये नाम सुना उसे कुछ याद आ गया। ये तो शायद…                                                 
   जी…जी मैंने सारे कागज जमा कर रखे है बस आप केस जल्दी निपटवा देना वरना बिज़नेस पर असर आने लगेगा। अरे ये तो देश के मशहूर वकील हैं। जैसे ही वेद को ये याद आया उसे नंदनी पर गुस्सा और दया दोनों एक साथ ही आने लगे। ये कभी भी अपने सेफ जोन से बाहर नहीं आ सकती, ये वेद का गुस्सा था, बेचारी कभी सेफ जोन से बाहर नहीं आ पाती ये वेद की दया थी।

आप ऐसा कैसे कर सकती हैं? एक बार पहले मिल तो लीजिये उनसे क्या पता किसलिए आए हो?हो सकता हैं कि कोई मदद मांगने आए हो या मदद करने….        मिस्टर भारद्वाज,नंदिनी की अगर कोई मदद कर सकता है तो वो है खुद नंदिनी,रही बाकी बातें तो आप ही सोचिए उस इंसिडेंट को लगभग एक साल होने को आया है इतने दिनों बाद क्यों आए?जाहिर सी बात है कोई ऐसा वकील देख रहे होंगे जो मोटे पैसे लेने वाले के साथ मोटी हिम्मत वाला भी हो।       

  आप हर आने वाली सिचुएशन के लिए इतनी sure कैसे हो सकती हैं? मुझे हैरानी होती हैं आपका ये परफेक्शन देखकर। जिस बात के होने के आसार भी नज़र नहीं आतें आप उसके होने के कारण भी सोच लेती हैं।                                         

  Why are you so judgmental about me? इतना कहते ही नंदिनी उठकर केबिन के बाहर चली गई।

To be continued……

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