अभिनव ने मीडिया में अपनी और नंदिनी की कुछ प्राइवेट फोटो लीक कर दी जो लगभग 8 साल पुरानी होंगी जिनकी भनक तक नहीं थी नंदिनी को कि वो कब ली गयीं थी । ऐसा करके अभिनव को क्या हासिल हुआ किसी की भी समझ से परे था एक पति-पत्नी की ऐसी फोटोज में कुछ भी कमेंट नहीं करने वाला था। मीडिया में फोटो आने के बाद अभिनव ने एक माफीनामा जारी कर दिया कि उसने अपना फोन रिपेयरिंग के लिए था वहीं से जो फोटोज लीक हुई हैं। नंदिनी की निजता व गरिमा को ठेस पहुंची है इसके लिए वो तहे दिल से माफी मांगता है और इस बात के लिए जो नंदिनी को मुआवजा तक देने को तैयार है । इन मामलों के जानकार मान रहें थें कि अभिनव ने ये सब पुलिस का ध्यान बंटाने और मीडिया को नया मसाला देने के लिए किया था ताकि वो कुछ वक्त के लिए आराम कर सके।
लेकिन इस बात की भनक तक नहीं थी नंदिनी को, वो तो एक मीटिंग में व्यस्त थी पर जैसे ही वेद ने वो फोटोज देखी उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी। इससे पहले फोटोज वायरल हो जाती उन्हें सब जगह से हटवाना जरूरी था इसीलिए वो तुरंत अपना काम छोड़ कर कॉन्फ्रेंस की तरफ भागा। बिना इजाजत लिए ही वो उस कमरे में घुस गया जहाँ नंदिनी कुछ जाने-माने लोगों के साथ मीटिंग कर रही थी ।
कमरे में शांत खड़े होकर उसने नंदिनी को अपनी तरफ बुलाया लेकिन उसने आँख के इशारे से उसे चुप रहने को बोल दिया । वेद तुरंत उसकी सीट की तरफ बढ़ गया ।
मैम , प्लीज अर्जेंट हैं । वेद ने उसके कान में बोला । मेरे लिए ये मीटिंग किसी भी चीज से ज्यादा जरूरी है कोरिया से कुछ लोग आएं हैं और हमारे साथ…..
मैम प्लीज मैने बताया ना इट्स वेरी अर्जेंट । मैंने भी कहा ना कि जितना भी जरूरी….नंदिनी अपनी बात कह भी नहीं पायी थी कि वेद ने उसका हाथ पकड़ कर उसे लगभग खींचते हुए कमरे के बाहर लाने लगा। तनु दौड़ के वेद के पास जाना चाहती थी लेकिन उसे उस मीटिंग को हैंडल करना ज्यादा सही लगा ।
वेद जैसे ही नंदिनी को बाहर लाया उसने तड़ाक से वेद के गाल पर एक जोरदार हाथ जमा दिया। उसकी सांसे किसी छेड़ी हुई नागिन के जैसे गहरी और तेज थी । लेकिन वेद के पास इन सब बातों को माइंड करने का टाइम नहीं था ।उसने अपना फोन निकाला और नंदिनी को फोटोज दिखाना शुरु कर दिया। एक फोटो अभिनव और नंदिनी की ड्रिंक करते हुए थी जिसमें नंदिनी काफी कम कपड़ो में थी और एक फोटो में वो स्विम कर रही थी अकेले आखिरी फोटो में वो टॉपलेस लेटी हुई थी अभिनव के ऊपर । नंदिनी ने वेद के हाथ से फोन अपने हाथ मे लिया इमेजेस स्क्रॉल की और फोन वापस वेद को थमाते हुए बाहर चल दी। वेद जान गया था कि वो कहाँ जा रही है इसीलिए वो भी पीछे चल पड़ा।
नंदिनी किसी तूफ़ान की तरह अभिनव के घर में दाखिल हुई । जब से अभिनव नंदिनी से अपनी जान का खतरा बता रहा था तब से एक्स्ट्रा सिक्योरिटी हमेशा तैनात रहती थी लेकिन नंदिनी को कोई नही रोक पाया। वेद और नंदिनी के बॉडीगॉर्ड उन सब को हैंडल कर रहें थें और वो अंदर की तरफ बढ़ गयी थी। अगर इस सिचुएशन में नंदिनी के पास गन होती तो शायद वो इन सब को शूट कर देती । वेद ये बात पहले ही जानता था इसीलिए उसने नंदिनी की कार से उसकी गन निकाल ली थी। 2-4 मिनट के इस वाक्ये में मीडिया भी पता नहीं कहाँ से आ गयी सब कवर करने। सबको लग रहा था कि अभिनव जो कह रहा था वो सही ही था वाकईं नंदिनी अभिनव को मारने ही आयी है ।
लगभग अभी 20 मिनट भी नहीं हुए होंगे नंदिनी को अंदर गएँ हुए कि वो बाहर भी आती दिखाई दी। उसे देखते ही पत्रकार उससे सवाल पूछने के लिए दौड़े , लेकिन वो हवा की तरफ अपनी कार में जाकर बैठ गयी और वेद भी तुरंत उसे सिक्योर करता हुआ कार में बैठ गया। कार तुरंत भीड़ को चीरते हुए निकल गयी जैसे कोई बुलेट तेजी से निकल जाती है वैसे ही।
मीडियाकर्मी तुरंत अभिनव के घर में जाने की कोशिश करने लगे कि आखिर नंदिनी ने उनके साथ क्या किया है। इस धक्कमुक्की के बीच अभिनव आता हुआ दिखाई दिया उसके हाथ में हथकड़ी लगी हुई थी और पुलिस उसको घेर कर चल रही थी। मीडिया के सवाल पूछने पर उसने जवाब देने शुरु कर दिए। मैं बहुत थक गया हूँ झूठ बोल-बोल कर आज सच बताना चाहता हूँ आप सभी को कि तरुण की मौत मेरी ही वजह से हुई थी। दरअसल मैं. ….. एक्चूली मैं उनकी वाइफ के साथ रिलेशन में था और शादी भी करना चाहता था। उस दिन जब हम साथ थे तो उन्होंने…. अभिनव का गला भर आया लेकिन वो बोलता रहा।…. उन्होंने देख लिया था हमें मैं उन्हें अपने दिल की बात बताने और समझाने के लिए उनके पीछे भागा लेकिन तब तक वो अरुण के साथ कार में बैठ कर निकल गएँ। मैंने उनका पीछा दूसरे रास्ते से किया ताकि मैं उन्हें रास्ते में ही रोक सकूँ. …लेकिन….. मेरी गाड़ी काफी तेज थी और उनकी गाड़ी से कहीं मजबूत भी। उन्होंने सामने से मेरी कार देखी फिर भी नहीं रोका और सीधा मेरी गाड़ी से टकरा गएँ । मुझे भी चोट लगी थी थोड़ी देर मैं बेहोश रहा और जब होश में आया इनकी मदद के लिए उतरा तो देखा कि तरुण….मैं काफी डर गया था इसीलिए वहां से भाग गया और सारा इल्जाम नंदिनी पर डाल देने की कोशिश की। मै अपनी सफाई में बस इतना कहना चाहूंगा कि मैने जानबूझ कर ये सब नहीं किया था लेकिन इसके बदले मुझे जो भी सजा मिलेगी सब मंजूर है। पुलिस ने अभिनव को कार में बिठा लिया।
अगर ऐसा है तो आपने पहले क्यों अपना जुर्म कबूल नहीं किया? क्या नंदिनी ने आपको थ्रेट करने ये इल्जाम अपने सर लेने को कहा है ? आप किसके दबाव में ये कर रहें हैं? नंदिनी क्यों आयी थीं? ऐसे ही सवालों का गुच्छा पुलिस वैन के पीछे भागता रहा और थोड़ी दूर पर जाकर गुम हो गया।
वेद ही नहीं बल्कि हर कोई हैरान था की नंदिनी ने भला ऐसा क्या किया क्या कहा की अभिनव ने इतनी आसानी से इल्जाम कुबूल कर लिया । अगर वो अभिनव से इल्जाम कुबूल करवा सकती थी तो इतने दिन से खामोश क्यो थी ? या वो इतने दिन से अभिनव को इसीलिए ही मिलने को बुला रही थी? वेद थोड़ा ज्यादा हैरान था क्योंकि वो जानता था कि ये सब कियाधरा नंदिनी का ही है फिर अभिनव ने अपने इल्जाम सर कैसे ले लिया । क्या इतना आसान था अभिनव को घुटनों पर लाना नंदिनी के लिए ? उसने क्या कहा होगा अभिनव से उसने 25 दिनों में जो बात कुबूल नहीं की वो 20 मिनट में कुबूल कर ली !
वेद ये पूछना चाह रहा था नंदिनी से लेकिन नंदिनी थोड़ा टेंशन में दिख रही थी इसीलिए अच्छे वक्त का इंतजार करना उसे ज्यादा सही लगा। गाडी अपनी स्पीड से चल रही थी ।
To be continued. ……
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