मीडिया-पुलिस , कॉर्पोरेट इंडस्ट्री और लोग , सब अभिनव और नंदिनी के आरोप-प्रत्यारोप के बीच झूल रहें थें। शक कभी अभिनव की तरफ जाता तो कभी नंदिनी पर। अभिनव रोज नए-नए इल्जाम लगाता नंदिनी पर। लेकिन अभी तक एक का भी सुबूत नहीं जुटा पा रहा था। उसने जब तरुण की वाइफ को मीडिया के सामने पेश किया कि वो वीडियो झूठा है तो उसने कुछ भी बताने से मना कर दिया। कयास लगाएं जा रहें थें कि नंदिनी ने पैसे देकर उसका मुँह बंद करवा दिया हैं । कोई औरत अपनी इज्जत से समझौता कैसे कर सकती है ? अभिनव के दिमाग में ये सवाल जरूर कौंधा था लेकिन फिर उसे कुछ साल पहले कि मिसेस कात्यायन की हरकतें याद आ गयीं जब पैसे के लिए अपनी से दोगुनी उम्र के आदमी के साथ इंटिमेट हो गयी थी। अभिनव को जब भी पुलिस पूछताछ के लिए बुलाती तो मीडिया में यही बोलता कि उसे बेवजह फंसा रही है नंदिनी , उसने कई बार उसे मिलने भी बुलाया है अकेले , लेकिन उसे डर है कि तरुण की तरह नंदिनी उसे भी मौत के घाट उतार देगी इसीलिए वो अभी तक उससे मिला नहीं हैं ।
पुलिस 20 दिनों की इस जाँच में इतना ही पता लगा पायी हैं कि अभिनव ने तरुण की वाइफ से संबध बनाये रखने के लिए ऐसा किया है । इसके अलावा नंदिनी के खिलाफ कोई सुबूत ही नहीं मिल रहा था।
उधर इस गर्मा-गरमी के माहौल में वाइटमून के शेयर्स पे तो असर पड़ा ही है जबकी उस कंपनी के ओनर यानी के अभिनव के बॉस ने उसे नौकरी से पहले ही निकाल दिया था। और सनराइज की स्थिति भी थोड़ी डांवाडोल हुयी है , लेकिन नंदिनी अब पूरा फोकस बिज़नेस पर बनाये हुए है, हालांकि पुलिस की जाँच में उसका काफी वक्त बर्बाद जाता है लेकिन नंदिनी ने पूरी मीडिया के सामने कसम खा ली थी कि जब तक वो तरुण के कातिलों को सजा नहीं दिला देती तब तक वो पुलिस का हर तरह से सहयोग करेगी और अपनी हर डील से पहले मीडिया को इंटरव्यू जरूर देगी चाहे उसका कितना ही वक्त क्यों ना बर्बाद जाएँ।
इन दोनों के आपस की इस लड़ाई में मार्केट में कई दिनों से अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही कुछ कंपनियां अपनी बुनियाद मजबूत करने में सफल हो गयी हैं । लेकिन नंदिनी जिस तरह दिन-रात अपने काम में जुटी हुई है लगता नहीं है कि वो कम्पनियाँ ज्यादा दिन टिक भी सकती हैं ।
कॉफी…! फाइल पर सर रख कर सो चुकी नंदिनी को वेद ने टेबल थपथापा के जगाने की कोशिश की। क्या…? नंदिनी ने हलकी सी आँखे खोली , सामने वेद को देखा तो सर सीधा करके बैठ गयी ।
टाइम कितना हुआ है ?
12’O clock.
क्या ? नंदिनी ने तुरंत अपनी गर्दन दीवार घड़ी की तरफ घुमाई । ओह गॉड! देर हो गयी काफी ज्यादा, और आप गएँ भी नहीं जबकी मैने आप से कहा था कि तनु के साथ आप भी निकल जाइये । नंदिनी ने दोनो हाथों में बालों को भरकर सर पर जूड़ा बना लिया।
मैने सोचा कि आपका काम ख़त्म हो जाएँ तो साथ चलेंगे । नहीं. .. आपको चले जाना चाहिए था ! एनीवे आप अभी भी चले जाइये मुझे थोड़ा काम अभी और करना है।
कितना टाइम लगेगा लगभग ?
अप्रॉक्स 45 मिनट्स ।
ok I’ll wait . वेद टेबल से सटकर खड़ा हो गया और बाहर की तरफ ताकने लगा।
मुझे लगता है आपको बहुत देर हो चुकी है।
नहीं कुछ ज्यादा नहीं, इतना चलता है वैसे भी मुझे आजकल के जानवरों पे तो भरोसा है आदमियों पर नहीं माहौल ऐसा है की आपको एक मिनट भी अकेला छोड़ा नही जा सकता ये तो फिर भी 45 मिनट है ।
तो आपको लगता है की अगर मुझे 4-5 हथियारबंद लोग मारने आ जाएँ तो आप बचा लेंगे मुझे।
कोशिश तो करूंगा अपनी आखिरी सांस तक लेकिन नहीं बचा पाया तो इतना वादा है मरूंगा आप के साथ ही। खैर आप बातों से ज्यादा काम पर ध्यान दीजिये और कॉफी पीते हुए खुद को एनर्जेटिक रखिये।
वेद फिर से आसमान की तरफ ताकने लगा। उसके होठों पर हलकी मुस्कान थी आँखों में हलकी नींद और चेहरे पर किसी बात का सुकून।जिस तरह वो टेबल के सहारे ब्लैक पैन्ट पर व्हाइट शर्ट को स्लीव रोल करके उलझें बालों में नशीली आँखो के साथ खड़ा था उससे किसी भी लड़की को पहली ही बार में प्यार हो जाता । उसपर से हाथ में वैचेरन कॉन्स्टेंटिन की घड़ी बरबस ही अपनी तरफ ध्यान खींच ले रही थी लेकिन नंदिनी के कम्प्यूटर की रौशनी के आगे वेद की चमक कहीं फीकी पड़ गयी थी।
वेद नीले आसमान के पीले फूलों में खो चुका था,इतनी देर में उसने दो तारें टूटते देखें और आँख बंद कर के कुछ मांगा भी। अमेरिका में रहें लड़के की इस बचकानी हरकत पर कोई भी हँस सकता था अगर उसे ऐसा करते देखता तो।लेकिन किसी ने उसे ऐसा करते नहीं देखा सिवाय उसके दिल के। उसने क्या मांगा कोई नहीं जानता सिवाय उसके दिल के। उसका दिल हो रहा था कि इन पीले तारों के बीच जो बड़ा सा पिला चांद है उसे वो वहां से चुराकर अपनी पॉकेट में भर ले और सारी रात उसे लेकर इधर-उधर घूमता रहे ।
आसमान पर फैली इन असंख्य पहेलियों को सुलझाते हुए वो ये भूल गया कि उसके पास भी कोई उलझी हुई लड़की बैठी है जिसे सुलझाना अभी बाकी है । वेद ने जब नंदिनी को देखा तो वो फिर से सो चुकी थी। उसे थोड़ी हँसी आ गयी इतनी जल्दी मुराद मांगी और पूरी भी हो गयी..!
उसने नंदिनी के सिस्टम को ऑफ कर दिया था और नंदिनी के टेबल पर गिरे सर को अपनी हथेलियों में भरना चाहता था लेकिन उसे डर था की कहीं नंदिनी हलकी नींद में ना हो । हर तरह से इत्मीनान करने के बाद वेद ने आहिस्ते से नंदिनी को चेयर से हटा कर अपनी गोद में उठा लिया और बाहर की तरफ चल दिया ।
नंदिनी का सर अपने कंधे पर रखे हुए वेद उसकी तरफ थोड़ा ज्यादा झुका हुआ था लेकिन फिर भी उसे ड्राइव करने में कोई परेशानी नही हो रही थी ।
आसमान पर फैले उस चांद को वेद अपनी पॉकेट में नहीं रख पाया था ये तो सबको ही पता है लेकिन उसने सोती हुई नंदिनी के माथे पर जो चांद उगाया था पता नहीं वो कहाँ से चुरा लिया था उसने।
नंदिनी ने जब सुबह आँख खोली तो वो अपने कमरे में बिस्तर पर थी। कमरे में सूरज की रौशनी पूरी बेशर्मी के साथ नाच रही थी जो बार-बार नंदिनी की आँखों में चुभ रही थी इसीलिए उसकी नींद खुल गयी थी । घड़ी में टाइम देखा तो 8:45 हो गया था । वो ऑफिस जाने के लिए बिस्तर से खड़ी हो चुकी थी। उसे कोई हैरानी नही थी कि वो यहाँ कैसे आयी क्योंकि शायद वो जानती थी कि उसे यहाँ कौन लाया है।
नंदिनी तैयार हो रही थी तभी दरवाजे पर दस्तक हुई उसे मालूम था की वेद है इसीलिए अंदर आने के लिए बोल दिया। मै बस देखने आया था कि आप उठ गयी या नहीं । हां उठ चुकी हूँ और कोई बात ? लहजा थोड़ा सख्त था नंदिनी का।
नहीं और कोई बात तो नहीं हैं. ..बस दरअसल आप गहरी नींद में सो चुकी थी मैने आपको आवाज़ दी जब आप जगी नहीं तो मै आपको ले आया मैने सोचा कि इतनी ज्यादा थकी हैं आप शायद तभी नहीं जग रही है इसीलिए…..! कुछ गलत तो नहीं समझ रही हैं आप ?
नहीं ऐसी कोई बात नहीं हैं आपसे सफाई नहीं मांग रही मैं। लेकिन आपको मुझे जगा देना चाहिए था अगली बार जब मैं घोड़े बेच कर सो रही हूँ तो प्लीज मुझे अपनी बांहों में उठाने के बजाय मुझे मेरे पैरो पर चलने देने का मौका दीजियेगा क्योंकि किसी की बांहों का सहारा मुझे अच्छा नहीं लगता । नंदिनी ने पूरी नर्मी और हलकी मुस्कुराहट के साथ अपने गुस्से को दबाने की कोशिश की। लेकिन वेद उसके दिल की बात जानता था , फिर भी दुखी नही हुया क्योंकि कमसे कम उसने डायरेक्ट गुस्सा निकलना तो छोड़ दिया है।
ओके मैम, आगे से ध्यान रहेगा। वेद ने दरवाजे को धीमी आवाज में अंदर की तरफ छोड़ दिया और नीचे चला गया ।
To be continued. …..
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