आदाब तबस्सुम; A love story

 हैलो मेरे प्यारे दोस्तों कैसे हैं आप और कैसे है आपके Beloved ? उम्मीद करता हूँ कि ठीक होंगे, खुश होंगे और प्यार से राजी ख़ुशी होंगे । आप प्यारे लोगों की प्यारी रूचि के अनुसार मैं कुछ प्रेम कहानियाँ ले कर आ चुका हूँ जैसे- राहुल और अंजू की प्रेम कहानी, थोड़ा सा इश्क । आज इसी फेहरिस्त में एक और नाम जुड़ने जा रहा है

“आदाब तबस्सुम”। इस love story का test, flavor, romance और fun मेरी बाकी लव स्टोरीज से अलग है। इसमें एक बेवकूफ, कामचोर मगर दिल की सीधी, मासूम लड़की है तो वहीं एक समझदार, हंसमुख, जुनूनी और खूबसूरत लड़का है। और ये दोनों जब भी मिलते है तब क्या-क्या पंगे करतें हैं। ये पढ़ने में आपको काफी मज़ा आने वाला हैं।

आज फुल एंड फाइनल होकर रहेगा चाहे कुछ हो जाए पता नहीं अपने आप को समझते क्या हैं जनाब !

 आखिर कोई हद होती है किसी को परेशान करने की।….तबस्सुम ऐ तबस्सुम ! क्या बड़बड़ा रही है तू अकेले-अकेले?

तबस्सुम जैसे नींद से उठी हो, कुछ नहीं ….कुछ भी तो नहीं ..! भला मैं क्या बड़बड़ाऊंगीं…? तुम लोग भी न यार

बिलकुल to much हो …! 

to much….? to much हम नहीं तू है जो बस के तेरे कॉलोनी के पास पहुँचते ही फुल एंड फाइनल करने लगती है। अफ्सा बोली।

तबस्सुम का स्टॉप आया वो सबको बॉय करके नीचे उतर गई। वैसे बता दूँ आपको की ये जो तबस्सुम साहिबा है, गर्ल्स कॉलेज में हाई स्कूल के बच्चों को उर्दू की तालीम

देतीं हैं और ये बस इनको इनके कॉलोनी के बाहर तक छोड़ती है जोकि स्कूल की तरफ से लेडीज स्टॉफ के लिए चलती है ।

खुद B.A. तक की तालीम ही हासिल की है वो भी वालिद के जोर देने पर क्योंकि पढ़ाई

में तो इनका मन लगता ही नहीं इनका । ग्रेजुएशन के बाद ये घर पर बैठ गई जबरदस्ती करके इनकी अम्मी ने इनको

गर्ल्स कॉलेज में पढ़ाने भेज दिया क्योंकि इनका जॉब करने का भी मन नहीं था। मन लगता था इनका तो केवल एक काम में अपनी दोनों चोटियां अम्मी से कसवाकार बच्चा पार्टी के साथ खेलने में। शादी के लिए घर आए कई रिश्तों को ठुकरा चुकी थीं ये। 

खैर..,तबस्सुम स्टॉप से बस तक का रास्ता पैदल ही तय करती थी और स्टॉप के थोड़ा आगे ही इनका घर पड़ जाता था लेकिन इतने से सफर पर भी इनके पैरों में

दर्द होने लगता था । बताइए इतनी नाजुक हैं ये आज पूरे मोहल्ले में शांति थी सबके दरवाजे बंद थें। और वो पिंक कलर में पुता हुआ दरवाजा भी, जो तबस्सुम के घर से थोड़ा पहले ही पड़ जाता है। 

तबस्सुम घर में दबे पाँव एंट्री लेती है और सामने अम्मी को खड़ा पाती है।

ओहो आप आराम नहीं करेंगे क्या अम्मी ?

मैंने कभी तेरे आने से पहले आराम भी किया है..? अब जा जल्दी हाथ मुँह धो……

हाथ मुँह धो ले, टॉवेल वहीं रख दी है हाथ पोछ लेना, चादर मत इस्तेमाल करना, bla…blaa…blaa..तबस्सुम अपनी अम्मी की रोज़ की बात को कॉपी करती हुई वाशरुम चली गई और उसकी अम्मी रसोई में।

तबस्सुम वाशरुम से निकलते ही खाने की प्लेट पर गिरती है। आज सारा दिन कैसा गया तेरा?

बहुत बढ़िया क्योंकि मैंने पता लगा लिया ।

क्या ?

यही राधिका के चक्कर के बारे में.., पता है कितने वक्त बाद पता लगा पायी कितनी मेहनत लगी मुझे। और तो और ये भी पता चल गया कि दोनों की शादी भी होने वाली है। अच्छा, तूने पता कैसे किया?

सिंपल, आज उसने अपनी शादी का कार्ड दिया था जिसपर साफ साफ लिखा था राधिका वेड्स कुमार ।

अम्मी जोर से हँस पड़ी और बोली, तब तो मुझे उन दोनों के चक्कर में कल शाम को ही पता चल गया था।

वो कैसे ? राधिका के पापा आए थें कल शाम में कार्ड देने ।

अम्मी…..!

तबस्सु…. फिर दोनों हंसने लगती हैं।

शाम को तबस्सुम नोट्स तैयार करने लगी थी, ख़ुशी के लिए जो उसके ही कॉलेज में इंग्लिश की टीचर हैं। तबस्सुम थी तो उर्दू की शिक्षिका पर इंग्लिश में उनकी पकड़ काफी मजबूत थी।इसीलिए ख़ुशी के नोट्स अक्सर वो तैयार कर देती थी। वो नोट्स लिखने में इतनी व्यस्त थी कि शाम को टहलने भी नहीं गई और रात में भूखी ही सो गई।

यहाँ पर मैं अब थोड़ा सा अल्पविराम लेना चाहूंगा क्योंकि मैं भूखा रह कर कोई काम ज्यादा देर नहीं कर सकता, और लिख तो बिलकुल भी नहीं सकता। तो आपको करना पड़ेगा अगले पार्ट का wait। 

👉 पढ़े world’s best lover forever 

👉 पढ़े थोड़ा सा इश्क़ का सफर 

👉 पढ़े चेतन साकरिया की स्ट्रगल स्टोरी

वैसे एक बात तो मैं कह ही सकता हूँ कि आप में से बहुत * सी लडकियां तबस्सुम किरदार से खुद को रिलेट कर पा रही होंगी। अगर कोई खुद को इससे रिलेट कर पा रहीं हों तो मेरे ईमेल पर आपके मैसेज का स्वागत रहेगा, और मुझे ख़ुशी होगी की मैंने अपने आसपास से उठाकर जो किरदार रचा है वो पूरे देश में बिखरा हुआ है।

और हाँ लड़कों अगर तुम्हारी जिन्दगी में भी कोई ऐसी तबस्सुम है (जिसे देखते ही आपके चेहरे पर “मुस्कान” आ जाती हो ) तो उसे सम्भालो यारों, बहुत केयर मांगती हैं ये दिल की सीधी-सादी मासूम लड़कियां ।

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