A wild heart part-18

 तनु अपने ही दिमाग में तरह-तरह के बहाने खोजने लगी जब देखा कि वेद आज ऑफिस पूरे एक घंटे लेट आया है। उसने वेद से जाकर एक बार भी नहीं पूछा कि उसे किस वजह से देर हुई क्योंकि वो जानती थी कि वो कहीं ना कहीं जरूर फंसा हुआ होगा वरना इतने सालों में तो उसने हमेशा ही वक्त का ध्यान रखा हैं। उसे पता है कि अभी जैसे ही वो मैम के केबिन में जाएगी तो मैम तुरंत पूछेंगी “,मिस्टर वेद आए?” वेद हमेशा शाम के वक्त कोई ना कोई इम्पोर्टेन्ट फाइल लेकर जाता है रात में काम करने के लिए इसीलिए ना चाहते हुए भी अक्सर नंदिनी वेद के बारे में सबसे पहले पूछती है। क्योंकि उनके आतें ही नंदिनी को रात में अनालिसिस किये पूरे डेटा की फाइल चाहिए होती हैं। इसीलिए तनु परेशान थी कि अगर मैम को पता चला कि वेद इतना देर से आएं हैं तो काफी बातें सुननी पड़ सकती हैं उन्हें मैम से। 

तनु चुपचाप नंदिनी के केबिन में गई फाइल्स रख थी और फिर एक नोटपैड पर आज नंदिनी को क्या-क्या करना है और कितने टाइम में कहां जाना हैं इन सब की लिस्ट को दोबारा से देखने लगी। सच कहा जाए तो देखना तो बस बहाना था वो वेट कर रही थी कि नंदिनी उससे कुछ पूछें या कहे। लेकिन नंदिनी जिस बेहिस ढंग से कुर्सी पर पड़ी हुई हैं उससे तो लग रहा था कि वो ऑफिस में नहीं बल्कि अपने घर में हो।         

                  नंदिनी ने ना तनु के मॉर्निंग का जवाब दिया और ना ही उसे तब टोका जब वो उसे पूरे दिन का शेड्यूल बता रही थी। नंदिनी ने एक बार भी नहीं कहा मिस बजाज की मीटिंग शाम के 3 बजे कर दो,कात्यायन ब्रदर्स के लिए सिर्फ 25 मिनट रखो, चैरिटी शो के लिए मैं दोपहर में फ्री हो सकती हूँ ….. वगैराह वगैरह। तनु चुपचाप सब सुना रही थी लेकिन नंदिनी कुछ सुन नहीं रही थी। उसके बाद वो चुपचाप केबिन के बाहर आ गई उसके जहन में एक बार भी नहीं आया कि शाम को वेद और नंदिनी साथ गए थे इसीलिए शायद वेद को देर हुई या मैम अपसेट हैं। सोचे भी कैसे जब नंदिनी कभी अभिनव के साथ किसी रेस्टोरेंट में 2 घंटे से ज्यादा नहीं रुकी तो वेद के साथ कैसे रुक सकती थी। लेकिन तनु को इतना कन्फर्म था दिक्कत चाहे जो भी हो हुई वेद की वजह से है। क्या सच में वेद से कोई दिक्कत हुई है नंदिनी को?

हाँ वेद से नहीं बल्कि वेद के बर्ताव से उसे दिक्कत हुई है उसे कुछ पुरानी बातें याद आ गई। वेद जो कोई नहीं लगता उसका वो रातभर उसके पीछे चला,उसे सर्दी से बचाकर खुद ओस में भीगा कोई उसे कुछ कह ना सके इसीलिए खुद का मुँह छुपा कर रखा, इतना रुखा बर्ताव करने के बाद भी छोड़कर नहीं गया अकेला। ये किस रिश्ते के लिए किया उसने मैं तो उसकी कोई नहीं लगती? और एक अभिनव था जिसने थोड़ी सी बहस पर उसे आधी रात में सड़क पर छोड़ दिया था जगह तो वहीं थी लेकिन वक्त और इंसान दो थे। तुमने बिल क्यों दिया?                                                    क्या मतलब बिल क्यों दिया? रेस्टोरेंट में कुछ फ्री नहीं मिलता जो बिल ना देना पड़े। नंदिनी ने हलके अंदाज में कहा।       अच्छा तो अब भोली बन रही हो.. मैंने कहा बिल क्यों दिया मतलब क्या मेरे पास पैसे नहीं है जो तुम पे करोगी? अभिनव की आवाज़ में गुस्से से ज्यादा किसी अपरोक्ष चोट की तिलमिलाहट थी।                                What’s the matter अभि ?

 तुमने पे किया मैंने पे किया बात तो एक ही हैं।               बात एक कैसे हो सकती है नंदिनी जबकि तुम मुझे नीचा दिखाने की कोशिश कर रही हो। मैं मानता हूँ मैं तुम्हारी कंपनी में काम कर रहा हूँ लेकिन ये मत भूलो उस कंपनी में आधे शेयर्स मेरे भी हैं। तो इतना शो ऑफ करने की जरुरत नहीं हैं मेरे सामने पैसों की मैं भी उतना ही कमा रहा हूँ जितना तुम। नंदिनी हैरान सी अभिनव के चेहरे को देखती रही फिर बोली ,” कॉफी में वेटर ने शुगर की जगह हेरोइन मिला दी थी क्या?” और ये बोल कर आगे बढ़ गई ।                                                   कहाँ जा रही हो? तिलमिलाया हुआ अभिनव बोला।                  यही थोड़ा घूम कर माइंड फ्रेश करुँगी अच्छा लग रहा है यहाँ। नंदिनी के स्वर में मौसम की नमी का असर साफ दिख रहा था। उसे लगा था अभिनव फालतू की बातों पर गुस्सा थूक कर अभी इस  सुहानी,नशीली चांदनी रात में उसका हाथ थाम के चलने लगेगा और वो हाथ छुड़ा के थोड़ा दूर होते हुए कहेगी”,तुम्हें तो बस बहाना चाहिए ना चिपकने का,” और अभिनव उसे वापस से अपनी तरफ खीचते हुए बोलेगा,”और तुमको बस बहाना चाहिए हमसे दूर जाने का क्यूँ..।” फिर वो हँसने लगेगी और अभिनव का हाथ थामे हुए काफी दूर तक निकल जाएगी… काफी दूर तक…. लेकिन……. काफी देर हो चुकी हो और मैं तुम्हारे इस बेकार से शौक के लिए और नहीं रुक सकता अगर चलना हो तो चलो वरना मुझे नींद आ रही है मैं घर जा रहा हूँ। और वो सच में कार में बैठ गया और कार स्टार्ट भी कर दी थोड़ी देर वेट करने के बाद अभिनव नंदिनी से दूर चला गया काफी दूर उसे पीछे छोड़ के। नंदिनी रात के 1 बजे उन हवाओं के थपेड़ो में अकेले थी कोई नहीं था उसके बदन को अपने कोट में छुपाने के लिए तभी दूर से एक साया आता दिखाई दिया और पास आया और पास और उसने अपना कोट नंदिनी के बदन पर डाल कर उसके बदन को कस लिया नंदिनी की साँस रुक गई वो वेद था….।


नंदिनी चौक कर उठी जैसे कोई बुरा बहुत बुरा सपना देख लिया हो उठ कर जैसे-तैसे टेबल पर आयी और पानी की बोतल से ही पानी पीने लगी ग्लास तक में पानी भरना उसे याद नहीं रहा। उसकी सांसें सच में तेज थी वो किसी बुरी दुनिया से अभी अभी लौटी हैं उसे अभी भी महसूस हो रहा है कि वेद उसके बदन को चारों तरफ से कस रहा हैं। वो दोबारा से कुर्सी पर बैठ गई और केबिन का एसी फूल कर दिया। ऐसा वक्त जब मौसम में घुली सर्दी कमरों में बिखरने लगी हो उस वक्त कोई फुल एसी करके बैठे तो आप भी समझ सकते है कि वो कितना घबरा रहा होगा  May I come in ma’am? वेद की आवाज गूंजी आधे खुले हुए दरवाजे से पूरे कमरे में। नंदिनी चौक गई दोबारा, वेद आज ऑफिस कैसे आ सकता हैं? सुबह तक तो वो मेरे साथ था काफी थक चुका था उसे तो आराम करना चाहिए था।कोई भी होता सारी रात जागने के बाद और इस तरह खुली हवा में रात भर भीगने के बाद घर पर आराम ही करता लेकिन…..                                  मैम..!वेद की आवाज दोबारा से गूंजी इस बार थोड़ा हाई फ्रीक्वेंसी के साथ।                                                हा….हाँ,यस मिस्टर वेद आइये कम इन। नंदिनी खुद को सँभालते हुए कुर्सी पर सही से बैठते हुए बोली।               मैम आप ज़रा ये मिस्टर कात्यायन की फाइल देखिये। 

इनकी कंपनी ने 20 सालों में एक से एक नामी-गिरामी 25 बिज़नेस लीडर्स के साथ काम किया हैं। अब या तो हम इन्हें इसके लिए बधाई दे सकतें हैं और इनकी मेहनत और एचीवमेंट को एन्जॉय कर सकते हैं या फिर… वेद सिस्टम की तरफ मुड़ा और उसमें कात्यायन ब्रदर्स की सारी फाइल ओपन करके एक एक कर नंदिनी को समझाने लगा। या फिर हम इन्हें बेईमान समझ सकते हैं या unprofessional बोल सकते हैं क्योंकि इन्होने जब भी किसी का साथ छोड़ा हैं और दूसरी कंपनी से हाथ मिलाया हैं इनके शेयर्स हमेशा ज्यादा हुए हैं ऐसा लगता हैं कि कोई इन्हें जहाँ ज्यादा का लालच दिया जाता हैं ये तुरंत उधर हो जाते हैं। हालांकि इनका सबसे स्ट्रांग पॉइंट ये है कि इनके इन्वेस्टर्स इन पर आँख बंद करके भरोसा करते हैं क्योंकि ये चाहे कुछ करें कभी अपने लोगों का भरोसा नहीं तोड़ा हैं इसीलिए इनकी पब्लिक में काफी धाक हैं। एक और प्लस पॉइंट ये कि ये रिफाइनरी,एग्रीकल्चरल ,फूड सप्लिमेंट जैसे फील्ड्स में अपनी कंपनी खोले हुए हैं और बाहर के देशों में भी इनकी ब्रांचेस हैं। तो अगर हम इनके साथ काम करते हैं तो इनके साथ हमारी कंपनी का फायदा भी होगा क्योंकि हमारी कंपनी भी मार्केट में खेती से जुड़े हुए प्रोड्क्ट लॉन्च करना चाहती हैं तो काफी हेल्प मिलेगी इनसे। लेकिन इनके साथ काम करने का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि ये कभी भी बदल सकते हैं एक और बात वाइटमून कंपनी भी इसमें अपने शेयर्स लगाना चाहती हैं तो….                                                               तो मतलब साफ है कि बेनिफिट होगा उसमें कोई दोराय नहीं हैं लेकिन खतरा जो हैं वो कंडीशन पर डिपेंड है कि कोई उन पर ज्यादा शेयर्स लगाए तो, एक काम करुँ मैं उन पर सबसे ज्यादा पैसा ना लगाए रखूँ….?                                                 जैसा आप सोचे मैम लेकिन मेरे हिसाब से तो ये सही नहीं हैं बाकी आप बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग बुलाकर देख ले फिर जैसा आपको सही लगे।     

    ओके देखती हूँ….।वो पेन को ऊँगली में घुमाते हुए बोली।     ओके मैम थैंक यू। कहकर वेद जाने लगा ।                    अच्छा सुनो… नंदिनी ने पीछे से टोका ।                              जी मैम , वो खड़ा हो गया।                                               वो…. कल रात को आप काफी थक गए थे तो … अगर आप घर पर आराम भी करते तो मुझे कोई ऐतराज नहीं था इनफैक्ट अगर आप चाहे तो हॉफ डे में ही जा सकते हैं….। वो हड़बड़ी में कह रही थी और फाइल्स के पन्ने इधर-उधर कर रही थी वेद की तरफ बिना देखें। वेद को ये सब कुछ नहीं सुनाई पड़ा सिर्फ एक शब्द सुनाई पड़ा “थैंक यू” जो कि नंदिनी ने बोला भी नही लेकिन शायद यही शब्द उसने बोलने की कोशिश की थी।           नहीं मैम,मैं पूरी तरफ ठीक हूँ इसकी कोई जरुरत नहीं मुझे।इतना कह के वेद मुस्कुराता हुआ वहाँ से चला गया। नंदिनी को वेद की वो मुस्कुराहट फिर से असहज कर गई उसे लगा कि वेद उसपर हँस कर गया है। उसकी इतनी हिम्मत वो मुझपर हँस कर जाए…! और क्या तुमपर हंसेगा नहीं तो क्या करेगा जब तुम्हीं उसकी हर बात मानती हो तो वो तुम पर आक्षेप भी नहीं करेगा क्या…? इससे पहले की नंदिनी के भीतर से उठती ये आवाजें और बढ़ती उसने तुरंत तनु को कॉल करके कात्यायन ब्रदर्स को जितनी जल्दी हो सके बुलाने को बोल दिया। इसके बाद उसे काफी आराम सा महसूस हुआ।

    To be continued…….

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