A wild heart part-22

 हैलो, हाय, नमस्कार मेरे प्यारे दोस्तों।इस जबरदस्त ठण्ड के बीच मैं आपसे ये नहीं पूछूंगा कि कैसे हैं आप लोग? क्योंकि इतनी सर्दी में अपना बिस्तर छोड़ के उठना और फिर अपने-अपने काम पे लग जाना इतने में ही तबियत खराब हो जाती हैं। लेकिन ये तो पूछ ही सकता हूँ कि आपको ये स्टोरी कैसी लग रही हैं? अभी तक इस कहानी के 21 भाग आप पढ़ चुके हैं तो कुछ आईडिया हो ही गया होगा आपको कि कहानी में आगे क्या चलने वाला हैं उसी के आधार पर आपने टेस्ट भी कर लिया होगा कि कहानी आपको बहुत बढ़िया लग रही हैं,बढ़िया लग रही है,ठीक-ठाक लग रही हैं कि बस ऐसे ही? चलिए बात के साथ कहानी को भी आगे बढ़ाते हैं और इसी क्रम में कहानी का 22वा पार्ट भी आपके सामने पेश करते हैं। Previous parts – 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14  15 16 17 18 19 20 21

वेद जब दो ओवरकोट लेकर गाड़ी में बैठा तो तनु ने पूछा ,”आपने मैम के लिए तो लिया ही नहीं …..” वेद ने नंदिनी की तरफ देखते हुए कहा,”तुम्हें लगता हैं कि इसे किसी गर्म कपड़े की जरुरत हैं? ” तब तनु ने भी नंदिनी को गौर से देखा हाँ वाकई उसकी बॉडी का टेम्परेचर काफी था,शराब पीने की वजह से उसे ठण्ड नहीं लग रही थी और वो ऑफिस की ड्रेस में भी गर्मी महसूस कर रही थी।                                                          जब वेद को लगा कि तनु अब कुछ शान्त और कम्फर्ट फील कर रही हैं तो वेद ने उससे बड़े नर्म लहजे में पूछा ,”मुझे पता है कि तुम लोगों के साथ कुछ बहुत बुरा हुआ हैं जो शायद मैं सोच भी नहीं पा रहा हूँ। मुझे पता है कि मेरे जानने से तुम दोनों का दर्द कम नहीं होगा लेकिन मैं सच कहता हूँ कि मैं दर्द देने वाले को जरूर कम कर सकता हूँ। इतना कहने के बाद वेद थोड़ी देर के लिए खामोश हो गया वो तनु कि ख़ामोशी से भी कुछ मालूम कर लेना चाहता था कि कहीं तनु के होंठ ना बोल पाएं तो… इसीलिए वो उसकी हरकतें नोटिस करना चाह रहा था वो जानता था कि जो पता करना है तनु से ही पता करना होगा क्योंकि नंदिनी तो अपने मन में ही साजिशें बना डालेगी लेकिन मुँह से एक शब्द भी नहीं बोलेगी।     

 तनु को कुछ ना बोलता देख वो फिर बोला,” तुम मुझे नहीं बता रही हो लेकिन कल जब पूरी मीडिया इसी पर बात करेगी तब?जो हुआ है उसका दोष नंदिनी को ही दिया जाएगा क्योंकि वो तीन लोग हैं और नंदिनी अकेली।मैं मानता हूँ कि नंदिनी उन सबसे पॉवरफुल है लेकिन कॉरपोरेट इंडस्ट्री में एक फीमेल बिज़नेस टायकून को हमेशा से ही बाहरी की तरह देखा जाता है।                                                                                हैं तो तीन ही लोग सर,लेकिन उसमें मिस्टर शुक्ला नहीं हैं।उसने अपने फोन पर तेजी से आड़ी-टेढ़ी उंगलियां चलाते हुए बोलना शुरू किया। वो बोलते वक्त अपने माथे पर बल दे रही थी जैसे एक-एक बात बताना चाहती थी कि कहीं बातों का कोई सिरा उससे छूट ना जाए। मैम मिस्टर शुक्ला को देखते ही भड़क गई थी।उनकी कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं थी। लेकिन फिर भी मिस्टर शुक्ला बिलकुल शांत बैठें थें।                              तो शुक्ला जी,आप ने बड़ी देर कर दी केस वेस फाइल करने में कोई दिक्कत हो गई थी क्या?या कोई वकील नहीं…..         नंदिनी जी,मुझे बात करनी हैं कुछ आपसे बहुत जरूरी बात है। हाँ..हाँ बिलकुल कुछ चाय-नश्ता तो कर लीजिये बाकी बातें बाद में की जाएँगी,तनु…..नंदिनी ने उसकी तरफ देखा।              यस मैम! तनु ने तुरंत किसी को कॉल करके केबिन में 2 कॉफी माँगा ली।                                                                          आप समझ नहीं रहीं कि मैं क्या चाहता हूँ….                          हाँ जानती हूँ कि आप चाहतें हैं कि मैं अभी आपसे माफ़ी मांगू वरना आप मुझे कोर्ट में देख लेंगे लेकिन मैं ऐसा कुछ नहीं करने वाली इन्फैक्ट मुझे अगर आपकी बेटी का चेहरा याद ना होता तो मैं तो ये माफ़ी मांगने वाला झंझट ही ना रखती।               वो सब पुरानी बातें हैं उन पर इस वक्त बात करने का कोई मतलब नहीं मैं बस ये बताना चाह रहा था आपको कि पूरे मार्केट में खबर है कि आपने कात्यायन ब्रदर्स के साथ डील की है । हाँ तो ये आपको आज पता चला….?                                पता तो काफी पहले चला था लेकिन इसके पीछे की हकीकत अब पता चली। तनु ने कॉफी मिस्टर शुक्ला को दी तो उन्होंने मना कर दी लेकिन नन्दिनी ने बड़े शान से कॉफी तनु के हाथ से ली जैसे वो शुक्ला जी को दिखाना चाहती थी कि उनका ऑफिस आना उसे ज़रा भी हैरानी भरा नहीं लगा।

अच्छा ऐसी क्या हकीकत पता चल गई आपको जो आप भागे-भागे मेरे पास चलें आएं? नंदिनी कॉफी से निकल रहें भाप को खेल बनाने के लिए हलके-हलके से फूँक रही थी। ऐसा लग रहा था कि वो मिस्टर शुक्ला की कोई बात सुनने को राजी नहीं है। मुझे वो बात पता चली है वो शायद आपको काफी पहले पता होनी चाहिए थी जिससे आप उस खेल से बच जातीं जो आपके साथ खेला जा रहा हैं । शुक्ला की ये बात सुनकर इतनी देर में पहली बार नंदिनी के चेहरे पर गंभीरता दिखी थी।                    कौन सा खेल शुक्ला जी?ज़रा खुल के कहेंगे?                    मुझे पता हैं मैंने जो आपके साथ किया है उसके बदले आप को मेरी बात पर यकीन नहीं होगा फिर भी मैं ये बताने से खुद को रोक नहीं पा रहा हूँ क्योंकि शायद इससे आपने जो अहसान कियें हैं उन्हें उतार सकूंगा।                                            देखिये ये पजल्स खेलना,माइंड गेम सॉल्व करना मैंने काफी पहले ही छोड़ दिया है तो ये पहेलियाँ ना बुझाएं सारी बात साफ-साफ बोलें। उसने अपनी कॉफी टेबल पर रख दी।                                                                                      मैं सारी बातें ही साफ-साफ कहने आया हूँ क्योंकि आपके साथ धोखा किया गया हैं। कात्यायन ब्रदर्स और अभिनव ने मिलके आपको फंसाया हैं उन लोगों ने अपनी मर्जी से नहीं बल्कि अभिनव के कहने पर आपको ये डील ऑफर की.     क्या बकवास है ये उन्होंने खुद वाइटमून को रिजेक्ट करके….. जानता था, कहके मिस्टर शुक्ला ने अपनी जेब से फोन निकाल के नंदिनी को कुछ दिखाने के लिए फोन टेबल पर रख दिया नंदिनी ने फोन उठाकर देखा तो वो एक फोटो थी जिसमें कात्यायन ब्रदर्स और अभिनव तीनों लोग बैठ कर पार्टी कर रहें थें। नंदिनी इस फोटो को सिर्फ औपचारिक मुलाकात मान सकती थीं लेकिन फोटो में जो जगह दिख रही थी वो घर था,जिस में कभी नंदिनी रहीं हैं जिसको कभी अपने हाथों से सजाया है।                                                                  आप इतने यकिन से कैसे कह सकतें हैं?नंदिनी ने फिर भी सवाल किया ।                                                                  मुझे बुलाया था अभिनव ने मैं जब वहाँ पहुँचा तो हैरान रह गया इन दोनों को वहाँ देख कर। अभिनव ने ही तब मुझे सारा प्लान समझाया अपना और मुझसे कहा कि पिछली बार तो मैंने उसका साथ नहीं दिया था लेकिन अगर अबकी बार दिया वो सनराइज कम्पनी के साथ नंदिनी सिंघानिया को भी देश से उखाड़ फेकेंगे।उन तीन लोगों के साथ वाइटमून के चीफ भी हैं और भी कुछ फेमस लोग हैं जो आपसे सिधी टक्कर लेने से बचने के लिए परदे के पीछे से अभिनव को सपोर्ट कर रहें हैं।मैंने मना कर दिया और बहाना बना दिया कि मैं अपने बेटे के पास जा रहा हूँ हमेशा-हमेशा के लिए अब इंडिया में ना कोई मेरा दोस्त बचा हैं और ना दुश्मन । इतना कह के मैं वहाँ से निकल आया और सीधा यहाँ चला आया।                                                               शुक्ला जी अगर आपकी बात सही है तो ये उन लोगों के लिए सही नहीं होगा और अगर आपकी बात गलत निकली तो फिर आपके लिए सही नहीं होगा फिर। इतना कह के नंदिनी उठ कर चल दी उसके पीछे तनु भी दौड़ी और सबसे पीछे मिस्टर शुक्ला। नंदिनी जी मेरी बात तो सुन लीजिये ऐसे ना जाइये। ऐसे बात बिगड़ सकती है। लेकिन नंदिनी कुछ सुनने को तैयार नहीं थी। हवा से भी तेज चाल से वो गाड़ी के पास पहुँच चुकी थी।                                                                  गार्ड्स आपकी कोई जरुरत नहीं हैं,मीटिंग काफी पर्सनल हैं। कहके नंदिनी कार की ड्राइविंग सीट पर बैठ गई और तनु उसके बगल की सीट पर। आप एक बार और सोच लीजिए अगर ठान ही लिया हो तो कम से कम सिक्योरिटी ही साथ ले जाइये। शुक्ला जी फ़िक्र मत करिये उनकी इतनी हिम्मत नहीं हैं कि मुझे हाथ भी लगा सकें। इतना कह कर नंदिनी ने कार स्टार्ट कर दी। उसके अंदर बिलकुल आग सी जल रही थी उसे ज़रा भी उम्मीद नहीं थी कि उसके साथ इतना बड़ा खेल खेला जा रहा है। क्यों ? सब को उसकी सक्सेस से क्या दिक्कत है। एक पुरुषप्रधान जगत में अगर कोई महिला अपना सिक्का जमा ले तो इसमें तो कोई पाप नहीं हैं? वो सिर्फ अपने काम से काम रखती है ना किसी की कोई बुराई और ना किसी से कुछ लड़ाई उसकी तो उसके साथ ऐसा कोल्ड वॉर क्यों ? नंदिनी की दिमाग की नसें फटी जा रही थी। लेकिन उसका हाथ स्टीयरिंग पर सौ की स्पीड में घूम रहा था।   

मैम!आप काफी टेन्शन में हैं क्या मैं ड्राइव करुँ आकर?              ये कार की नहीं मेरी जिन्दगी की स्टियरिंग हैं जब भी इसे थोड़ा भी ढीला छोड़ती हूँ तो ये खराब होने लगती है इसीलिए मुझे ही इसे मजबूती से बार-बार पकड़ना पड़ता हैं। नंदिनी ने बीच में कहीं भी एक बार के लिए भी गाड़ी नहीं रोकी। उसकी कार का ब्रेक तब लगा जब वो अभिनव के घर के बाहर पहुँच चुकी थी।

   To be continued. …….

share also

Leave a comment

error: Content is protected !!