‘A Wild heart’ love story in Hindi episode -32

 वेद टीवी देखते हुए यही सोचता रहा की इसे बिज़नेस लाइन किसने जॉइन करने की सलाह दे दी , नंदिनी के सारे गुण तो पॉलिटिशियन वाले हैं। उसपर से एक्टिंग इतनी जानदार कर रही थी कि नाम ऑस्कर के लिए भेज दिया जाना चाहिए ।

वेद ने अपना फोन उठाकर समीर को कॉल लगा दी। वो समीर को बताना चाहता था की बिज़नेस इंडस्ट्री की क्वीन ने रिएंट्री मार ली है। इधर वेद समीर से बात करने में मशगूल उधर नंदिनी अभिनव के घर पहुँच चुकी थी।

जब बात करने के बाद वेद ने दोबारा टीवी ऑन की तब इस बात का पता चला उसे। उसके होश तब और खराब हो गएँ जब अभिनव और नंदिनी की बातें लाइव दिखाई सुनाई जा रही थी । मतलब अभिनव ने साजिश करके उसे बुलाया था और मीडिया को भी चुपके से बुला लिया था नंदिनी को इस बात की भनक तक नहीं लगी की वो जिस कमरे में बैठी है वहाँ ट्रांसमीटर और हिडेन कैमरा लगें हुएं हैं । वेद बार-बार नंदिनी को कॉल करता रहा लेकिन उसने एक बार भी कॉल नहीं उठाई। वो किसी भी तरह नंदिनी को बताना चाहता था की ऐसा वैसा कुछ ना बोले लेकिन नहीं बता पा रहा था क्योंकि तनु ने भी उसकी कॉल पिक नहीं की। उसने अपने बालों को दोनों हाथों से कसके नोंचा, थोड़ी देर कमरे में घूमा फिर बड़ी तेजी से कमरे से निकल गया ।

अभिनव मुझे तुमसे पूरी हमदर्दी है, इस मुश्किल वक्त में मैं पूरी तरह तुम्हारे साथ हूँ । नंदिनी ने पानी के दो घूंट पीकर ग्लास टेबल पर सरका दिया । 

अच्छा ये जो तुम कर रही हो ये हमदर्दी है तुम्हारी , तुमने जो इंटरनेट पर ये झूठा वीडियो डाला है जो तरुण के केस में मुझे फ़साने की कोशिश कर रही हो , ऐसे करके हमदर्दी दिखा रही हो मुझसे। अभिनव की आवाज में गुस्सा था  जो वो दबाने की कोशिश कर रहा था ।

कमाल है । नंदिनी ने अपना डार्क ब्लैक सनग्लास उतारकर तनु के हाथों में थमा दिया । ,” तुम मुझ पर इल्जाम लगा रहे हो , जबकी मै मीडिया में तुम्हें बचाती फिर रही हूँ जबकी जानती हूँ अच्छे से की तरुण की वाइफ से तुम्हारे संबंध थे , तुम दोनो के बीच इसी बात को लेकर कई बार झगड़ा भी हुआ था , तुम मर्डर भी कर सकते ……

जुबान को लगाम लगाओ नंदिनी, मेरी मर्यादा को चोट ना पहुंचाने की कोशिश करो , मैने तरुण जी की वाइफ को हमेशा भाभी की नजर से देखा है तुम उस रिश्ते को दागदार नहीं कर सकती समझी वरना मै भूल जाऊंगा की तुम एक औरत हो ।     मै यहाँ ये जानने नहीं आयी की मै औरत हूँ या नहीं मै सिर्फ ये पूछने आयी हूँ की तुमने तरुण पर हमला किया है या नहीं ।     

यहाँ किस बात का डर है नंदिनी तुम्हें जो सच नहीं बोल पा रही हो , क्या इतनी गिरी औकात है तुम्हारी की बंद कमरे में खुद से ही सच छुपा रही हो !

औकात मेरी अगर इतनी गिरी न होती तो तुमसे शादी ही क्यों करती , लेकिन पिछली बात लेकर क्यों बैठें आज की बात ही करते है न और जो ये है की आज तुम इतना गिर गये हो की अपने किया इल्जाम में मुझे फ़साना चाहते हो ।

नंदिनी की इस बात पर अभिनव अंदर ही अंदर उबल पड़ा लेकिन इसके विरोध में ऊँची आवाज में बोल भी नही पा रहा था क्योकि उसका कुछ भी ऐसा वैसा बोलना उसी के खिलाफ जा सकता है इसीलिए वो अपने गुस्से को जब्त करते हुए बोला । नंदिनी मैने जो तुम्हारे साथ किया है उसके लिए शर्मिंदा हूँ माफ़ी माफ़ रहा हूँ तुमसे , मुझे तुम्हारे बिज़नेस को नुकसान नहीं पहुंचना था। हो गयी मुझसे गलती मान ली मैने , लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं की मुझसे बदला लेने के लिए तुम किसी की जान ले लो ! 

जानते हो अभिनव तुमसे अगर बदला लेना होता तो तुम्हारी ही जान ना ले लेती है ,किसी बेकसूर को क्यों मरती। लेकिन खैर तुमने जब मुझी पर इल्जाम लगाना है तो फिर देखते है कोर्ट में मिलेंगे और तुम्हारे खिलाफ सबसे पहली गवाही मै ही दूंगी। इतना कह कर नंदिनी उठने लगती है तो उसे अभिनव रोक लेता है ।

देखो नंदिनी हम एक डील करते है अगर तुम मुझे सच सच बताती हो की कात्यायन ब्रदर्स पर हमला तुमने  क्यों करवाया तो मै तुम्हें करोड़ो की डील्स करवा के दूँगा और किसी को बताऊंगा भी नहीं की तरुण को तुमने मारा है। मै जानता हूँ तुम सोच रही होगी इससे मुझे क्या फायदा ? दरअसल फायदा मुझे बस इतना ही है कि मेरे मन को शांति मिल जाएंगी मै किसी अपराधबोध का शिकार नहीं रह जाऊंगा। रही इल्जाम की बात तो सौ-पचास करोड़ जिसको भी देंगे वो अपने सर तुरंत इल्जाम लेने को तैयार हो जायेगा ।

तो तुम चाहते हो की तुम्हारा इल्जाम मै अपने सर ले लू और तुम आजाद घूमो….  

कितनी बार कहूँ तुझसे… अभिनव खुद पर काबू नहीं रख पाया और उसके मुँह से गालियाँ निकलते-निकलते रह गयी उसने तुरंत अपनी आवाज धीमी करते हुए कहा ,” मुझे पता है ये तुमने किया है एक बार अरुण को होश आ जाये फिर सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

यही मेरी भी दुआ है। कहते हुए नंदिनी खड़ी हो गयी और अपना सनग्लास लगाते हुए अभिनव की तरफ बढ़ गयी ,” बइदवे ….नंदिनी अभिनव के कानों के पास अपना मुँह ले जाती हैं, ” Hey my Childish boi , तुम्हें मैं बेवकूफ लगती हूँ जो तुम्हारे एक बार बुलाने पर चली आउंगी…। ये जो गॉगल पहना है मैंने कल ही मंगाया था जापान से और आज ही काम भी आ गया मेरे। जानते हो इसकी खूबी ये वो भी देख सकता है जो तुम आजतक नहीं पाएं, मेरे अंदर की आग । अब मै जहाँ तुम्हें बुलाऊं मिलने आना वरना तो … कहके वो सीधी खड़ी हो गयी। खैर बहुत अच्छा लगा तुमसे मिलके , आगे जो होगा देखा जायेगा , अरुण एक बार होश में आ जाएँ बस। कहते हुए नंदिनी हवा की तरह लहराती हुई वहां से चल दी ।

जैसे ही वो बाहर पहुंची उसका सामना मीडिया से हो गया । मैम क्या आपको सच में ऐसा लगता हैं की अभिनव जी ने ही कात्यायान ब्रदर्स पर हमला करवाया है ? मुझे क्या लगता है क्या नहीं ये कोई मैटर नहीं करता लेकिन बात सिर्फ इतनी ही है की जिसमें भी ये किया है उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी ही चाहिए और ये मै करवा के ही मानूंगी । आप ने अंदर जो बातें कही उनसे तो यही लगता है की आप अभिनव को ही गुनहगार मान रही हैं ।

हाँ अभिनव भी हो सकते हैं ।  

लेकिन अभिनव क्यों करेंगे ऐसा माना की तरुण जी की वाइफ एक वजह हो सकती है लेकिन वो काफी समझदार इंसान है तो ऐसा नहीं कर सकतें वो ? नंदिनी ने ध्यान से देखा तो वो जान गयी कि ये वहीं रिपोर्टर है जो हॉस्पिटल में भी अभिनव को डिफेन्स कर रहा था । अभिनव ने इसी रिपोर्टर को उसके पीछे लगा के रखा है ।

पैसे के लिए भी कर सकतें हैं ऐसा। आजकल आदमी पैसे के लिए क्या कुछ नहीं कर जाता किसी की हत्या करना किसी की पिटाई करना ये सब आम बात है आजकल पैसे के लिए । लेकिन उनके पास खुद बहुत सारा पैसा है कात्यायान ब्रदर्स से तो ज्यादा ही पैसा होगा फिर उन्हें क्या जरूरत हैं उनकी… क्या मैं आपसे एक सवाल पूछ सकती हूँ? नंदिनी ने उस रिपोर्टर से ही सवाल कर दिया । 

जी बिल्कुल पूछ सकती है।

आपके पास कितना पैसा है ?

मैम , ये कैसा सवाल हुआ मैं पब्लिकली अपनी प्रॉपर्टी थोड़े अनाउंस कर सकता हूँ । आम आदमी हूँ आप लोगों की तरह कोई बड़ी हस्ती नहीं की सिक्योरिटी साथ रहे 24 घंटे । उसने सवाल को मजाक के पुट में रखकर उड़ाने की कोशिश की। चलिए मत बताइये , लेकिन आपको देख के लगता है आप काफी संपन्न परिवार से आतें हैं, नामी जर्नलिस्ट हैं, बीवी आईपीएस ऑफिसर है , बच्चे टॉप स्कूल में पढ़ते हैं तो पैसे की कमी का तो कोई सवाल ही नहीं उठता इसीलिए ….. नंदिनी ने अपनी पर्स से कुछ निकला और उस रिपोर्टर की तरफ बढ़ा दिया। कागज जैसे दिखने वाले डाक्यूमेंट को जब उसने हाथ में लिया तो देखा की वो 5 करोड़ का चेक था । ये चेक मैनें आपको दे दिया हैं मेरी सिग्नेचर भी है अब आप इसे फाड़ दीजिये इसे । 

मैम इसे कैसे फाड़ दूँ? उसके चेहरे पर पसीना था ये चेक देख कर भी और नंदिनी को उसके बारे में इतना कैसे पता कहीं उसने नोटिस तो नहीं कर लिया था ये सोच कर भी ।

क्यों आपके पास तो इतना पैसा हैं तो आपको पैसे की क्या कमी ? फाड़ ही दीजिये आप इसे ।

अरे पैसे किसको ज्यादा होतें हैं जितने ज्यादा पैसे हो कम ही लगते हैं और आप कह रहीं हैं फाड़ दो ! रिपोर्टर ने अपने माथे का पसीना रुमाल से पोछते हुए कहा ।  

यही हैं आपके सवाल का जवाब। इतना बोल कर नंदिनी आगे बढ़ गयी किसी रिपोर्टर का कोई सवाल नहीं सुना उसने। जब नंदिनी कार की तरफ पहुंची तो देखा वेद मुस्कुराहट के साथ कार का दरवाजा खोल के खड़ा था । 

वो अपनी कार में बैठ गयी और चंद मिनटों में मीडिया की नजरों से ओझल हो गयी। वो रिपोर्टर चुपचाप खड़ा उसे जाते हुए देखता रहा उसके पास अब कोई सवाल नहीं थें । वाकई नंदिनी सिंघानिया को इंसान पढ़ना आता है उसने ये कीमत मुँह बंद रखने की दी है। उसे पता था अभिनव ने अपने कबूतर को कितने दाने खिलाएं होंगे उससे दोगुने दाने उसने डाल दियें थें । अब कबूतर उसी की छत पर उतरेगा।

To be continued. ……

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