Love story in Hindi / Sad love story in Hindi in 2023/ truelove story in Hindi /heart touching story in Hindi/Most Romantic story in Hindi in 2023/ real love in hindi 2023
जिन्दगी कैसी हैं पहेली हाय! कभी ये हँसाये,कभी ये रुलाये….।
आनंद मूवी के song की ये लाइन नन्दिनी की जिन्दगी पर कितनी फिट बैठती हैं ना? ख़ुशी और गम तो हर किसी की जिन्दगी में आतें हैं लेकिन उन्हें कम-से-कम पता तो होता हैं कि उनकी जिन्दगी में क्या चल रहा हैं यहाँ नन्दिनी को ये भी नहीं मालूम की जिन्दगी क्या होती है। पता भी कैसे हो? जिन्दगी का असल अर्थ तो माँ सिखाती है जो उसके पास थी ही नहीं, जिन्दगी की कठिन राहों पर चलना पिता सिखाता हैं जो इस दुनिया से अलविदा कह चुका हैं और जिन्दगी भर का जो साथ निभाता है उस पति से तो उसका तलाक हो चुका है। उसके पास है ही नहीं कोई जिसे वो अपनी जिन्दगी बोल सके। Love story in Hindi (a wild heart)
कुछ सपने हैं जो अकेले देखती हैं, अकेले उन्हें पूरा करती है , सफल होती है तो अकेले जश्न मानती हैं, हारती है तो अकेले में ही रो लेती है। लेकिन ये सपने भी उसकी जिन्दगी नहीं हैं उसकी महत्वकांक्षा हैं । इस मामले में आप नंदिनी की तुलना उस मरते हुए शेर से कर सकतें हैं जिसके सामने ताज़ा गोश्त रखा हुआ हो, शेर जानता हैं कि वो उसे नहीं खा सकता लेकिन फिर भी उसीकी ओर ताकता रहता है बचता रहता हैं बाकी जानवरों से ताकि जब ठीक हो जाए तो उसे खा सके। उस टुकड़े भर मांस के लिए शेर जीना चाहता हैं और उसके लिए अपनी सांसें बचाता हैं क्योंकि शेर को वो टुकड़ा ही उसकी जिन्दगी लगता हैं। लेकिन क्या सच में एक टुकड़ा मांस को शेर की जिन्दगी कहना ठीक होगा ? बिलकुल वैसे ही जैसे थकी-हारी, उदास, तन्हा, बिखरी नन्दिनी के लिए सिर्फ उसके ख्वाबों को जिन्दगी कह देना ठीक लगता है आपको ? मुझे तो नहीं लगता…! मैं कौन ? अरे आप लोग भी ना कहानी के चक्कर में मुझे तो भूल ही जाते हैं , मैं आपका दोस्त , आपका भाई आपका हमदम और आपका love guru . जो बता रहा हैं अब तक कि इस वेबसाइट की सबसे डिफरेंट love story in Hindi . जिसे पढ़ के आने वाला है आपको पूरा मज़ा। लेकिन पूरे मज़े के लिए अपुन को तो याद रखने का ना boss ..! तो अब मैं शुरू करने जा रहा हूँ कहानी का अगला भाग-
love story in Hindi |
अभिनव इस बेइज्जती को आसानी से भुलाने वालों में नहीं हैं उसके मुस्कुराते हुए चेहरे के पीछा क्या-क्या मंसूबे बन रहें होंगे ये तो सिर्फ वही जान सकता है या उसका भगवान। नंदिनी उन 500 करोड़ की प्रॉपर्टी को चाहे बेच देती,चाहे उनकी ज़मीन से कोई आलीशान बंगला बनवाती, चाहे अपने भाई को दे देती कुछ भी करती कुछ भी, लेकिन बस अपने लिए करती इस तरह लोगों में बाँट कर बिना एक रुपए तक को हाथ लगाए अभिनव के अभिमान को ठेस ना पहुँचाती।ये बात अभिनव को उस पल की याद दिला रहा है जब नन्दिनी उससे कह रही थी चाहे कुछ भी करो, किसी भी कंपनी में जाओ या इसी कम्पनी का आधा शेयर ले लो लेकिन दोबारा से उस कंपनी में ना जाओ जहाँ से वो निकल के आयी थी। क्योंकि उस कंपनी ने उसे नीचा दिखाने की कोशिश की थी उसके आईडियाज को बिना उसकी परमिशन के इंटरनेशनल मार्किट में करोड़ो में बेच दिया था। जब नंदिनी को ये बात पता लगी थी तो उसने अपना क्रेडिट और पैसा माँगा था जो कंपनी ने देने से मना कर दिया था। पुलिस में कम्पलेन करने की बात पर कम्पनी के Ceo ने उसे कुछ हज़ार का चेक पकड़ाते हुए कहा था कि “तुम्हारे useless ideas के लिए तुम्हें इतना ही मिल रहा है यही बहुत है वैसे भी तुम्हारे आईडिया से ये कंपनी ना चले तो इंटरनेशनल मार्केट क्या खाक चलेगा।” नंदिनी ने वो चेक लेकर उन्हीं के मुँह पर फाड़ दिया था ये कहते हुए की “जिन आईडियाज से आपकी कंपनी नहीं चल रही उनसे मैं इससे भी बड़ी कम्पनी चला कर दिखाऊंगी, जो कंपनी आप 25 साल से बना रहें है उससे बेहतर मैं 5 साल के अंदर बना कर दिखाऊंगी।” उस वक्त नंदिनी के सर पर मंडराते over confidence को तो सभी ने देखा था लेकिन किसी को भी उसकी आँखों की ज़िद नज़र नहीं आयी थी, सिवाय अभिनव के। नंदिनी के साथ-साथ उस ऑफिस से जो दो और कदम निकले थे वो अभिनव के ही थे। जो उस वक्त कंपनी में अच्छी पोस्ट पर था लेकिन नंदिनी का साथ देने के लिए उसने वो जॉब छोड़ दी थी हालांकि ये तो अब पता ही चल गया है कि उसने नंदिनी “का” साथ देने के लिए जॉब छोड़ी थी या नंदिनी “के” साथ के लिए….।
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खैर,कम्पनी ने अभिनव को बहुत रोका था धमकी भी दी थी कि वो लड़की तो कुछ कर नहीं पाएगी और उसे भी दोबारा जॉब नहीं मिलेगी इस कंपनी में तब अभिनव बोला था ” आप लोगों को भरोसा नहीं उस पर तो ना सही लेकिन मुझे है वो जरूर करके दिखाएगी। जानता तो हूँ मैं कि मानते आप लोग भी हैं क्योंकि उसी के एक idea से आपने मार्केट से 90 करोड़ रूपए उठायें हैं तो सोचिए वो खुद कितना कमा लेगी अपने दिमाग से? मैं तो उसी के साथ जा रहा हूँ । रही बात यहाँ दोबारा नौकरी करने की तो यहाँ मेरा वापस आना ना सिर्फ मेरे बल्कि नन्दिनी के स्वाभिमान पर भी ठोस होगी मेरा यहाँ वापस आना उसके लिए एक हार होगी और मैं कभी उसे हारने नहीं दे सकता , चाहे मुझे इसके लिए कुछ भी करना पड़े।” तभी तो नन्दिनी के लाख मना करके के बाद भी अभिनव वापस इस कंपनी में काम को राजी हो गया था पोस्ट ज्यादा अच्छी नहीं थी सैलरी भी ज्यादा नहीं थी लेकिन उसके दिल को सुकून बहुत था जिसे एक झटके से नंदिनी ने तोड़ दिया। इसीलिए अभिनव तिलमिलाया घूम रहा है। उससे नंदिनी से जवाब की उम्मीद की थी लेकिन इस तरह के जवाब की नहीं, कि वो खामोश रही और पूरा शहर बोल उठा।
अभिनव की ये बेचैनी नंदिनी के लिए राहत की बात थी उसे लग रहा था कि उसके आत्मसम्मान पर लगी चोट पर कुछ मलहम सा लग गया है। मीडिया से दूर , शोर से दूर नंदिनी अपने घर की छत पर डार्क रेड कलर का हल्का सा gown पहने हाथों में रेड वाइन पकड़े सितारों को देख रही हैं।
वैसे तो उसका पसंदीदा कलर काला है उसका पूरा वार्डरोब काले रंग के कपड़ो से भरा पड़ा हैं काले gown , काली साड़ी , काली t-shirt, उसकी गाड़ियों में भी अधिकतर सभी काली हैं यहाँ तक की उसके सैंडिल और स्लीपर्स भी काले ही हैं लेकिन जब भी नंदिनी रात के वक्त ड्रिंक करती हैं तो लाल gown ही पहनाती हैं पता नहीं क्यों?
To be continued…..