Love story in Hindi (A wild heart -11)

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 हैप्पी दिवाली दोस्तों, ये दिवाली ना सिर्फ आपकी जिन्दगी में रौशनी भर दे बल्कि आपसे जुड़े हर इंसान की जिन्दगी में भी उजियारा बिखेर दे। इस छोटी-सी दुआ के साथ कहानी A Wild heart (love story in hindi)में आगे बढ़ते हैं और देखते हैं कि अभिनव कामयाब हो पाया है या नहीं नंदिनी की जिन्दगी में अँधेरा भर पाने में?

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मैम! आप यहाँ क्या करने आयी हैं जब कि जानती है कि ये कॉन्फ्रेंस आपके Ex-husband और आपकी कंपनी के Ex- CFO ने बुलाई हैं ? किसी पत्रकार ने सस्पेंस को तोड़ने के लिए नंदिनी की तरह एक सवाल उछाल दिया।

     

                        मैं यहाँ क्यों…? नंदिनी ने अपनी आँखे चारों तरह घुमाई फिर बोली- ये सवाल मैंने खुद से भी पूछा फिर जवाब भी मिला इसका, जानते हैं जवाब क्या था…? यही कि मैं शुक्ला जी से बेहद प्यार करती हूँ, हमेशा उन्हें अपने पिता के स्थान पर रखा है, ना सिर्फ एक पिता के तौर पर उन्होंने मेरा मार्गदर्शन किया हैं बल्कि मेरी कंपनी का CFO रहते उन्होंने कम्पनी को नई ऊंचाई तक भी पहुँचाया हैं। इसीलिए जब उन्होंने वो पोस्ट छोड़ने की बात की तो मेरा दिल भर आया और मैं उनसे लिपट गई ।फिर उन्होंने मुझे समझाया और कहा कि अब वो छुट्टी चाहते हैं जितना वो कंपनी का साथ दे सकते थे उन्होंने दिया अब वो हॉन्गकॉन्ग जाना चाहते हैं अपने बेटे के पास और उन्होंने ये भी कहा कि जाने से पहले वो मुझे एक छोटा सा सरप्राइज देना चाहते हैं, मैंने पूछा भी कि क्या गिफ्ट है तो बोले कि मैं मीडिआ के सामने बताना चाहता हूँ ताकि बाकी लोगो को भी पता लगे कि एम्प्लॉईस के साथ कैसा बर्ताव रखना चाहिए।लेकिन मैं ये सब नहीं चाहती थी मैंने उन्हें मना भी किया कि कोई कॉन्फ्रेंस नहीं..                     मैम, मैम एक मिनट… एक रिपोर्टर ने कुछ कागज सही करते हुए नंदिनी को टोका, हमारे पास जो जानकारी हैं उसके हिसाब से तो आपकी कंपनी के पूर्व कर्मचारी ने ये आरोप लगाया है कि उन्होंने नौकरी छोड़ी नहीं थी बल्कि आपने उन्हें निकाला था और यही बताने के लिए ही उन्होंने ये प्रेस बुलाई थी कि आपकी कंपनी में कर्मचारियों के साथ कैसा बर्ताव होता हैं। नंदिनी ने सवाल को इत्मीनान से सुना और उतने ही इत्मीनान से एक सवाल भी पूछ लिया, आपका नाम क्या हैं?                         जी मेरा….! मैम मेरा नाम सुभाष हैं NCD news का रिपोर्ट… हाँ तो मिस्टर सुभाष ये बताइए जब आपके पास जानकारी पहले से ही थी तो आप यहाँ आए ही क्यों थे? वहीं न्यूज़ चलवा देते यहाँ आने की जरुरत ही ना पड़ती ना आपका टाइम वेस्ट होता और ना कुछ खर्चा ही होता,क्यों ठीक कहा ना ? नंदिनी ने डेस्क पर हाथ सीधे करते हुए कहा।                      नहीं मैम ऐसा हमें अपने सूत्रों से पता चला था तभी कन्फर्म…. नहीं बिलकुल भी रिपोर्ट कन्फर्म करने की जरुरत नहीं होनी चाहिए थी आपको टीवी पर तो आप लोग वैसे भी फर्जी खबरें चला देते हैं। आपको तो बस trp से मतलब होता हैं इसके लिए आपके पास जो इन्फॉर्मेशन हैं वही सही मसाला हैं क्योंकि अभी मैं जो बोलूंगी वो सच बोलूंगी और सच से आपके चैनल की trp नहीं बढ़ने वाली सुभाष जी । रिपोर्टर कुछ नहीं बोला बस चुपचाप अपनी सीट पर बैठ गया। तब नंदिनी ने दोबारा बोलना शुरू किया ,” देखिये मैं जब बोल रही होती हूँ तब कोई बीच में मेरी बात काट देता हैं तो मुझे बुरा लग जाता हैं और मैं कुछ कह देती हूँ पर इसके लिए मैं माफ़ी नहीं मांगती क्योंकि अगर आपको मुझसे बात करनी हैं तो उससे पहले मेरे नेचर से वाकिफ होना बहुत जरुरी है। आई होप , आप सभी मेरी बात समझ रहें होंगे और मेरी बात खत्म होने के बाद ही अपना अगला सवाल करेंगे मुझसे? नंदिनी ने पहले छोर से आखिरी छोर तक नज़र घुमाई और अपनी सहमति में उसने कई सर हिलते हुए पाएं। अचानक से अभिनव उठा और माइक के पास पहुँच गया शायद वो नंदिनी से माइक लेना चाह रहा था दरअसल लेना नहीं छिनना चाह रहा था लेकिन पता नहीं नंदिनी ने उसके कान में ऐसा क्या बोल दिया कि अभिनव के चेहरे पर 12 बज गएँ और वो उलटे पाँव कुर्सी पर चिपक गया और नंदिनी शैतानी मुस्कुराहट के साथ फिर से लोगों से मुखातिब हुई। मेरे प्यारे दोस्त मुझसे ये कहने आएं थें कि मैं अभी अभी मीटिंग से आयी हूँ और थक गई होउंगी इसीलिए मुझे पहले थोड़ा आराम करना चाहिए फिर आप लोगों से बातें करना चाहिए, थैंक यू अभिनव लेकिन मैं बिलकुल भी थकी नहीं हूँ और मुझे इन लोगों से बातें करने में मज़ा आता हैं। हाँ तो अब आप लोग अपने सवाल पूछना शुरू करें वरना मेरी बक-बक बंद नहीं होने वाली।

तो आप ने जो अभी कहा उसके हिसाब से जो हम लोगों तक बात पहुँचाई गई थी वो झूठी थी?                                           झूठी नहीं, सरासर झूठी थी। मुझे समझ नहीं आता आप लोग इतने मासूम क्यों हो कि कोई भी आपको बेवकूफ बना दे, मैंने सुना था कि रिपोर्टर्स पहले सारे फेक्ट चेक करते है तब किसी निर्णय पर पहुँचते है लेकिन यहाँ आपने एक मजाक को ही निर्णय बना लिया! हो सकता हैं ऐसा मजाक अभिनव ने किया हो आपके साथ क्योंकि वो काफी मजाकिया भी हैं और चाह रहे होंगे कि कॉन्फ्रेन्स में ज्यादा से ज्यादा लोग शामिल हो सके! है ना अभिनव ? नंदिनी ने अभिनव की तरफ देखा तो उसने सर झुका लिया। देखा ऐसा कुछ नहीं हैं, मैंने तो शुक्ला जी से कहा भी था कि CFO की पोस्ट पर नहीं रहना चाहते तो आपको दूसरी पोस्ट पर ट्रान्सफर कर दूँ लेकिन आप लोग तो जानते ही हैं कि वो अपनी धुन के कितने पक्के आदमी हैं, नहीं माने मेरी एक भी। और अब काम से निजात पा कर बेटी की शादी की तैयारियों में जुटे हैं ताकि शादी के बाद अपने बेटे के पास चलें जाए।

मैम ये कॉन्फ्रेंस मिस्टर शुक्ला ने बुलवाई थी लेकिन वही अब यहाँ नज़र नहीं आ रहें कोई बात हो गई हैं क्या उन्हें?          आप रिपोर्टर्स की sixth sense काफी मजबूत होती हैं तुरंत सच पकड़ लेती हैं। सही कहा आपने इस कॉफ्रेंस को लेकर इतने exited थे कि दो दिन अपनी दवा खाना ही भूल गए और आज हॉस्पिटल में हैं ब्लडप्रेशर हाई हैं, बुखार भी हैं, कमजोरी भी हो गई हैं। आज सुबह ही उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करवाया हैं सांस नहीं ले पाने की दिक्कत से। तो अभी तबियत कैसी हैं उनकी? हाँ देखिये ना ये तो नहीं कह सकती की ठीक ही हैं लेकिन पहले से बेहतर हैं, यहाँ आने से पहले एक मीटिंग अटेंड करने भेज दिया उन्होंने और फिर वहाँ से यहाँ आ गई तो 4 घंटे से तो देखा ही नहीं उन्हें। उनके पास ही जाना था इसीलिए तो इतनी जल्दी में आयी थी और जल्दी में उनके पास जाना भी चाहती हूँ क्योंकि उन्होंने मेरे हाथ का बना अनार का जूस मंगाया हैं। इसीलिए अगर आप लोगों के सवाल खत्म हो गए हो तो मैं उनके पास जाना चाहती हूँ क्योंकि उनके पास मैं होती हूँ तो उन्हें अच्छा महसूस होता हैं।

 Confrence खत्म करने के बाद नंदिनी वहाँ एक मिनट भी नहीं रुकी लेकिन जाते-जाते अभिनव की तरफ पलट के बोली ” ये मत सोचना की मेरे शार्पशूटर का निशाना चूक गया, बस बात इतनी है कि बीच में निकिता का चेहरा आ गया, बेचारी क्या बितती उसपे जब उसके विदा होने से पहले उसका बाप विदा हो जाता, मैं एक बेटी रही हूँ मरते हुए बाप की तो ये तकलीफ जानती हूँ, बाकी अगली बार कोई प्लानिंग करना तो तो और मजबूती से करना क्योंकि नंदिनी का वजूद इतना कमज़ोर नहीं हैं कि तुम्हारी इस तरह की साजिशों से धारासाई हो जाए Good bye मेरे प्यारे दुश्मन…! 

इतना कहने के बाद नंदिनी उसी अंदाज़ में वहाँ से गई जिस अंदाज़ में आयी थी। लेकिन अभिनव का वो अंदाज़ और मिजाज बिलकुल भी नहीं रह गया था वो कुर्सी पर ही सर झुकाये बैठा रहा ऐसा लग रहा था कि कोई सांप सूंघ गया हो उसे। इतने में उसका कोई आदमी आया उसके पास और बोला,” खबर पक्की हैं सर मिस्टर शुक्ला को जाँघ और पीठ पर दो गोलियां मारी गई हैं, मैं तो कहता हूँ इस लड़की के चक्कर में पड़ना आप छोड़ ही दे वरना अगर आपको मरवाएगी तो सीधा…. अभिनव ने तुरंत तीखी आँखों से उसे देखा तो वो अपनी बात अधूरी छोड़ कर अभिनव से दूर खड़ा हो गया और अभिनव फिर से कुछ सोचने लगा, शायद अपने बॉस के बारे में सोच कर उसके हाथ-पांव ढीले हो रहें थें उसके पूरे शरीर से पसीना निकल रहा था, अंदर ही अंदर जो डर बैठ गया था वो कंपकपी बनकर बाहर निकल रहा था। वो तुरंत वहाँ से किसी शांत जगह पर जाना चाहता था जहां कोई भी ना हो ना उसका बॉस और ना नंदिनी की कोई बात, क्योंकि उसकी बातों के गोल-गोल के चक्कर से उसके दिमाग की नसें फट रही थी। वो बाहर जाने के लिए खड़ा ही हुआ था कि…. धड़ाम…. से मंच पर ही गिर गया उसके बॉडीगार्ड और आसपास के लोग तुरंत उसकी तरफ दौड़े और उसे उठाकर हॉस्पिटल ले गए। लेकिन एक चीज़ तो वो लोग वहीं छोड़ गए… जानते हैं क्या..? ये सवाल की नंदिनी ने आखिर अभिनव के काम में ऐसा क्या बोल दिया था कि उसके बाद अभिनव एक भी शब्द नंदिनी के खिलाफ बोल नहीं पाया बल्कि उसकी हाँ में हाँ मिलाता ही चला गया…….।

To be continued…..

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