Love story in Hindi (A wild heart part-10)

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और दोस्तों कैसे हो? खासकर लम्बी हाइट वाले, मज़ा आ रहा हैं ना घर के फैन और छत साफ करते हुए? साल भर जिस लम्बाई पर इतराए हो अभी वहीं बहुत खराब लग रही होगी जब मम्मी आवाज़ लगा के कहती होंगी कि “बेटा इधर के ये जाल साफ कर दे आके मेरा हाथ नहीं पहुँच रहा।” खैर मज़ाक नहीं उडा रहा मैं आपका।मैं बस इतना कह रहा हूँ कि कभी-कभी यही irritable चीजें memorable में बदल जाती हैं, ये भी त्यौहार को सेलिब्रेट करने का ही एक तरीका हैं। सेलिब्रेशन से याद आया आइये देखते है मिस्टर अभिनव कैसे अपने प्लान को सेलिब्रेट कर रहें हैं? उनका प्लान Successful हुआ या नहीं? ये सब इस 10वें एपिसोड में।                                               previous Parts 1 2 3 4 5 6 7 8 9

 अभिनव बेचैनी में इधर-उधर पूरे कमरे में टहल रहा हैं मिस्टर शुक्ला ने कहा था कि वो 10 बजे से पहले ही आ जाएँगे इसीलिए अभिनव और उसके बॉस ने काफ्रेंस 10:30 बजे की रखी थी। जिन-जिन रिपोर्टर्स को उन लोगों ने बुलाया था वो लोग हॉल में पहुँच चुके थे लेकिन मिस्टर शुक्ला ना ही आते दिखाई दे रहें थे और ना ही उनका फोन लग रहा था। ऐसा नहीं है कि उन्हें कोई खतरा हो या नंदिनी ने उन्हें किडनैप करवाने की कोशिश की हो क्योंकि नंदिनी को कॉल करने के बाद अभिनव ने अपने दो बॉडीगॉर्ड शुक्ला जी के पास भेज दिए थे, फिर शुक्ला जी का ना आना उसे समझ नहीं आ रहा था। कहीं ये नंदिनी की कोई चाल तो नहीं थी? नहीं… नहीं इतना तो मैं उसे अब भी जानता हूँ कि वो कोई हथकंडे नहीं आजमायेगी उसे हमेशा से इन चीजों से नफ़रत रही है, उसे अपनी मेहनत पर भरोसा हैं न कि इन सब…..       

अभिनव…! एक कड़क आवाज़ बजी पूरे कमरे से, अभिनव तुरंत सावधान की मुद्रा में खड़ा हो गया। ये क्या हैं..? मैंने तुम्हारे कहने पर उस शुक्ला को नौकरी दी, तुम्हारे ही कहने पर ये काफ्रेंस बुलाई, सोचा था कि आज उस नंदिनी को गिरा कर इस मीडिया में मैं और मेरी कंपनी हीरो बनेंगे। लेकिन लगता है आज भी तुम नंदिनी का ही साथ दे रहे हो, एक बार पहले भी तुम्हारी वजह से मेरी कंपनी बदनाम हुई थी और आज फिर वहीं….  नहीं सर आज ऐसा कुछ नहीं होगा, उस दिन मेरी बेवकूफी थी मेरा दिमाग ठिकाने पर नहीं था जो उस नंदिनी के बहकावे में आ गया था लेकिन सर आज ऐसा कुछ नहीं…सच में.. अब मैं उतना बेवकूफ नहीं रह गया हूँ और आज ऐसा कुछ नहीं होने दूंगा कि आप या आपकी कंपनी की बदनामी हो। वो शुक्ला भले ही ना आए मैं फिर भी अकेले ही नंदिनी को उसकी औकात दिखाने को काफी हूँ। अभिनव पूरे अत्मविश्वास के साथ बोल रहा था लेकिन पता नहीं क्यों उसकी जुबान लडख़ड़ा रही थी शायद वो गलत था इसलिए ।                                   मैं कुछ नहीं जानता अभी तो तुम कैसे भी करके बस मीडिया को सम्भालो जाकर और “शुक्ला को जो-जो बातें हमने कहने को बोली थी वो तुम बोलो जाकर और ये भी बोल देना कि नंदिनी का चेहरा सामने ना आ जाए इसीलिए उसने शुक्ला को उठवा लिया हैं हमने पुलिस से मदद ली है जैसे ही वो मिलेंगे सारा सच सामने आ जाएगा।” उसकी कंपनी के नए CFO के साथ भी कुछ बता देना कहना कि उस लड़के के लिए ही उसने तुम्हें छोड़ा था। याद रखना इस कॉन्फ्रेंस के बाद अगर नंदिनी की इज्ज़त बची तो तुम्हारी नौकरी नहीं बेचेगी, ज़रा भी नरमी ना हो जो भी इल्जाम लगा सकते हो वो सब लगा देना, बस मुझे मेरी कंपनी की वैल्यू फिर से हाई चाहिए। मुझ पर भरोसा रखे सर मैं सब संभाल लूँगा।

अभिनव ने जैसे ही स्टेज पर एंट्री ली, मिर्च-मसाले की तलाश में आए कुछ रिपोर्टर को स्टेज पर चढ़ने की पोजीशन में खड़े हो गए, शेयर मार्किट के कुछ जानकर बड़ी गंभीर मुद्रा में पन्ने पलटने लगे जैसे कोई महत्वपूर्ण सवाल दिमाग में चढ़ा रहें हो, और कुछ खाऊ किस्म के रिपोर्टर अब भी चाय-नाश्ते में ही उलझें थे जैसे यहाँ वो खाने ही आए हो। अभिनव ने पूरे माहौल पर एक नज़र डाली जैसे की देख रहा हो बात किस एंगल से शुरू करने पर कितने लोग सुनने को बेताब होंगे। माइक पर खड़े-खड़े ही वो आए हुए लोगों का मिजाज जानने की कोशिश कर रहा था,कुछ पत्रकार तो अधिक उत्सुक दिखाई दे रहे थे जिनसे उसे सुकून मिल रहा था और कुछ अलग ही दुनिया में बेपरवाही से बैठे थें जैसे वो स्टेज पर आ गया हैं किसी को खबर ही नहीं। अभिनव सोच रहा था कि सारे पत्रकार खड़े होकर एक बार उसके लिए तालियां बजा दें, या सिर्फ खड़े होकर हाय-हैलो ही बोल दें तो फिर वो अपनी बात कहना शुरू करें। इसके लिए अभिनव ने तेज आवाज़ में माइक पर खांसने की एक्टिंग की ,अचानक से सारे पत्रकार खड़े हो गए अभिनव खुश हो गया लेकिन ये क्या! अभिनव के चेहरे से कैमरे के फ़्लैश हटकर दूसरी तरह हो गए उसकी तरफ आए हुए लोगों की सिर्फ पीठ ही बची। अचानक से उसने सुना रास्ता दो रास्ता… और बीच में लोगों ने स्थान छोड़ दिया और खचाखच किसी की तस्वीरें खींची जाने लगी, क्लैपिंग भी हुई अभिनव भी बेताब हो गया उस चेहरे को देखने के लिए लेकिन उसे ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा, नंदिनी भीड़ को चीरती हुई स्टेज की ओर बढ़ चली। इसके चारों तरफ पुलिस और बॉडीगॉर्डस घेरा बनाए हुए थे और उस घेरे में साथ थे तनु और वेद।       

यकिन नहीं होता की इस कॉन्फ्रेंस में आप आयी हैं। नंदिनी ने माइक भी नहीं संभाला था कि किसी ने सवाल कर दिया इसमें क्या हैरानी की बात हैं ये कि The sunrise industry की foundar नंदिनी सिंघानिया ने कोई कॉन्फ्रेंस अटेंड की या ये कि नंदिनी सिंघानिया ने अपने Ex-husband की काफ्रेंस अटेंड की? इसी के साथ नंदिनी ने हलकी सी मुस्कुराहट पूरे माहौल में घोल दी। खैर… मैं शुक्रिया अदा करना चाहूंगी आप लोगों का जो मेरी बात सुनने के लिए यहाँ तक आए और वर्तमान में मेरे प्यारे दोस्त और पूर्व के प्यारे पति अभिनव जी का भी मैं शुक्रिया अदा करना चाहूंगी कि उन्होंने मेरी बात कहने के लिए ये कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इतना कहने के बाद नंदिनी ने अभिनव की तरफ सर झुकाते हुए फिर से माइक संभाला उसने शायद ऐसा अभिनव का चेहरा देखने के लिए किया था जिस पर 36 तरह की हवाइयां उड़ रहीं थी। 

अभिनव के ऊपर क्या बीत रही थी उसका कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता था। वो बैठा एकदम कम्फर्ट चेयर पर था लेकिन उसे लग रहा था कि उसकी कुर्सी पर किसी ने अलाव जला कर रख दिए हो! उसने सपने में भी नहीं सोचा था इन्फेक्ट उसने क्या किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि नंदिनी यूँ कॉन्फ्रेंस में आ जाएगी। फुल एसी में भी अभिनव के माथे से पसीना पानी की तरह बह रहा था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि नंदिनी यहाँ क्या करने या क्या कहने आई थी , उसकी तरह मीडिया भी जानना चाह रही थी कि नंदिनी जी यहाँ आई तो आई क्यों? लेकिन नंदिनी कुछ सोचते हुए धीरे-धीरे मुस्कुरा दी और बात शुरू होने से पहले थोड़ा सस्पेंस बना रहने दिया।

       To be continued…..

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