A Wild heart episode -39

 वेद और तनु को अपना प्लान जल्द से जल्द शुरु करना था क्योंकि समीर ने पहले ही अपनी मजबूरी बता दी थी कि अगले हफ्ते उसकी बहुत ही जरूरी मीटिंग है। क्या है ? किसके साथ है ये पूछने पर उसने कुछ भी बताने से मना कर दिया था ।  

जिस दिन समीर को इंडिया आना था उसी दिन वेद नंदिनी को अपने साथ चलने के लिए मना रहा था। जब नंदिनी ने कहा कि अभी वो काम में फसी है अगली बार मिल लेगी तो वेद ने कहा की उसकी बहन और उनके पति भी आएं है अगर टाइम निकाल के मिल लेती तो …… वेद की इस रिक्वेस्ट पर वो उसके साथ होटल चलने के लिए तैयार होने लगी।

नंदिनी खुश थी कि वो वेद की खुशी का कारण बन रही है । उसने रास्ते में तीन बुके लिए लिए एक मिठाई भी । गाड़ी होटल के गेट पर जब रुकी तो नंदिनी ने खुद को आईने में देखा और अपने बालों को सही किया । उसके बाद वो वेद के साथ अंदर चली। 

जब में रूम में पहुँच तो वहाँ तनु पहले से ही मौजूद थी , उसकी आवाज़ सुनकर समीर तुरंत बालकनी से रूम में चला आया । नंदिनी ने जैसे ही समीर को देखा एकदम पत्थर के जैसे खड़ी हो गयी। समीर की आँखों में आंसू भर आये और वो तेजी से आकर नंदिनी को अपने सीने से लगा लिया ।

कितनी बड़ी हो गयी है रे तू छोटी ! काफी दिनों बाद अपनी बहन को इस तरह से सीने से लगाने पर उसे एक सुकून सा मिला । नंदिनी वैसी ही खड़ी रही कुछ नही बोला जब समीर ने उसे छोड़ा तो उसने बिना उनके चेहरे की तरफ देखे पीछे मुड़ गयी और तेजी से वहां से निकल गयी। वेद और तनु ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन वो नहीं रुकी बल्कि जो वेटर बुके लिए खड़ा था उसके हाथ से बुके लेकर तीनो बुके को जमीन पर पटक दिया । वेद उसे समझाने की कोशिश में उसके पीछे भागता रहा लेकिन वो कार में बैठ कर निकल गयी।  

ये क्या बचकानी हरकत है कोई अपने बड़े भाई से ऐसे मिलता है। वेद ने तेजी से कमरे के दरवाजे को धक्का देते हुए कहा । तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझसे झूठ बोलने की। नंदिनी ने वेद पर गरजते हुए कहा।

अगर मै सच बोलता कि तुम्हारा भाई आया है तो तुम मिलने चलती?कभी नहीं । 

हाँ नहीं जाती ।

क्यों नंदिनी क्यों? ले-देकर एक ही रिश्ता बचा है तुम्हारे पास, उसको भी तुम ऐसे नजरअंदाज करती हो ? हाँ करती हूँ क्यों करती हूँ ये तुम्हें नहीं पता क्योंकि तुम नहीं जानते की उन्होंने मेरे साथ क्या-क्या किया हैं । नंदिनी की आँखे छलछला आयीं।

चलो ठीक है कि मुझे नहीं मालूम की उन्होंने तुम्हारे साथ क्या किया है लेकिन इतना तो मालूम है की तुमने उनके साथ क्या किया है ।

मैंने वही किया है उनके साथ जिसके वो हक़दार थें। नंदिनी प्लीज मै हाथ जोड़ता हूँ एक बार उनसे मिल लो बात करलो मैंने उनसे झूठ बोला है कि तुमने उन्हें मिलने बुलाया है। उनके सामने मेरी इज्जत रख लो प्लीज । वेद ने हाथ जोड़ लिए उसके आगे वो चुप हो उसे देखती रही । नंदिनी मैने आज तक तुमसे कुछ नहीं मांगा है और इस बात के सिवा तुमसे मै कभी कुछ नहीं मांगूंगा लेकिन प्लीज मुझे झूठा साबित होने से बचा लो। अच्छा चलो ना मानो की वो तुम्हारे भाई हैं मान लो की मेरा दोस्त आया है अमेरिका से सिर्फ तुमसे मिलने के लिए। ….. नंदिनी कुछ देर खामोश सोचती रही फिर आँसू पोछकर वेद के साथ चल दी।

कम्पनी कैसी चल रही है ? न्यूजपेपर में पढ़ा था कि क्लिंटाफ ने तुम्हारे साथ डील करने की कोशिश की थी लेकिन तुमने मना कर दिया । समीर की आवाज़ में अभी भी नमी है । जब आप ब्रांड बन जातें हैं तो बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ आपके साथ काम करना चाहती हैं । नंदिनी की आवाज में अभी भी रुखापन था।

क्लिंटाफ ने कई ब्रांड्स को इंटरनेशनल ब्रांड बनाया है जितनी मुझे जानकारी है कि उसके साथ काम करके किसी की भी किस्मत पलट सकती है। लेकिन इन मामलों में तुम्हें मुझसे ज्यादा समझ है अगर तुमने उन्हें मना किया है तो तुम्हारे पास उनसे बेहतर कोई प्लान होगा। 

हूँ, नंदिनी ने ऊपरी मन से कहा क्योंकि अंदर से वो खुद ही आज भी इस बात के लिए पछताती है की वो डील मिस नहीं करनी चाहिए थी। लेकिन नंदिनी की आदत है न जो बात दिमाग़ में चल रही होती है उसे चेहरे पर नहीं आने देती। घर पर सब कैसे है ? 

ठीक है बिल्कुल ठीक ! समीर हलके से मुस्कुराया । आन्या और आदित्य तो अब स्कूल जाने लगे होंगे ? स्कूल….? हाँ हाँ स्कूल जातें हैं मेरे दोनो बच्चे । समीर ने अपना मुँह थोड़ी देर के लिए घूमा लिया फिर नंदिनी की तरफ मुड़ कर मुस्कुराने लगा।

कोई बात है क्या जो आप बताना नहीं चाहते ? हाँ कुछ बातें होती है जो बेगानों को नहीं बताई जाती। उसकी आँखों से फिर से दो बून्द पानी टपक पड़ा न चाहते हुए भी। तो मै आपके लिए बाहर वाली हो गयी हूँ? मैंने नहीं कहा लेकिन उतनी देर से तुम यही साबित करने की कोशिश कर रही हो । शायद तुम नहीं वेद जिस लड़की के बारें में मुझसे बात करता रहता है वही मेरी बहन है भले ही झूठ बोलता हो मगर उससे दिलासा बड़ा मिलता है । नंदिनी ने अपना हाथ बढाकर समीर के हाथ पर रख डिया । कुछ शिकायतें है आपसे इसका मतलब ये नहीं है कि आपसे प्यार नहीं रहा ।

जानता हूँ एक बार जो अमेरिका निकल गया आया नहीं हूँ तभी नाराजगी ज्यादा है । लेकिन सच कह रहा हूँ छोटी मै वहां बहुत बुरी तरह फंस गया था। मेरा सारा सामान चोरी हो गया था। इस दौरान मेरी एक लड़की ने मदद की महीने भर अपने घर में रखा पुलिस से बचा कर। जब मेरा सारा सामान मिल गया तो मै वहाँ से चला गया। 6 महीने बाद पता चला कि वो लड़की बहुत परेशान है क्योकि उसकी माँ को कैंसर हैं तो मै उसकी पैसों से मदद करने लगा । छोटी क्या किसी की मदद के बदले उसकी मदद करना गलत है ? नहीं न ! मैने इतनी मदद की फिर भी उसकी माँ नहीं बची और मेरे पास पैसे भी सारे ख़त्म हो गएँ थे। बड़ी मुश्किल से एक काम मिला थोड़े पैसे जमा हुए तो मैने एक फ्लैट ले लिए सोचा था उसमे तु और मै और पापा रहेंगे । लेकिन तब तक मुझे उस लड़की यानि रोज से प्यार हो चुका था। उसने हर कदम मुझे मोटिवेट किया मेरे लिए परेशान रही तो मेरे दिल में उसके लिए प्यार जागना लाज़मी था छोटी। मुझे वहाँ रहने में थोड़ी दिक्कत भी हो रही थी इसीलिए मै और रोज ने शादी करने का डिसीजन लिया । पापा ने इसके लिए हाँ कर दी थी लेकिन तभी से हम दोनों के बीच दूरियां बढ़ गई। तुझे लगने लगा की मै तुझसे प्यार नहीं करता , रोज ने मुझे फंसाया है लेकिन ….नहीं उसने तो यहाँ तक कहाँ की मै तुम्हें न छोडू भले ही उसे छोड़ दूँ तो मैने उसे चुप करा दिया। मैने सोचा तु तो समझदार हैं प्यार करती है मुझसे तो समझेगी मुझे लेकिन शायद मेरे समझाने में ही कुछ कमी रह गयी होगी । तुझे लगता है कि तेरा भाई इंडिया को पसंद नहीं करता लेकिन ऐसा नहीं है मै आज भी यही रहना चाहता हूँ और रोज भी लेकिन मै जानता हूँ कि तु मुझे अपने आसपास देखना भी पसंद नहीं करती तो किसलिए आऊं यहाँ मै? तेरे सिवा कोई है यहाँ मेरा ? समीर की आँखों में आंसू तैरने लगे थे । 

आपको एक बार मुझे मानने की कोशिश तो करनी चाहिए थी यहाँ आकर मिलते मुझसे बात करते समझाते, फोन पर कैसे कोई भावनाएं समझ सकता है ! तब तो आप आये भी थे इंडिया दो दिन के लिए वो भी पापा के मरने….. नंदिनी का गला रुंध गया। 

काश पहले आ पाता तो तेरी ये शिकायत तो न रहती । लेकिन पहले कैसे आ जाता तू बता अपनी 8 महीने की प्रेग्नेंट वाइफ को उसके 2 साल के बच्चे की लाश के साथ अकेला कैसे छोड़ के आ जाता यहाँ तु थी पापा के पास वहाँ उसके पास….. भैय्या….आन्या. .. नहीं रही ! एक बेजान और हैरान सी आवाज़ निकली उसके मुँह से ।

हाँ. .. समीर अपना मुँह दोनो हाथों में छुपा के रो पड़ा । कब ? पत्थर सी आँखों से दो आँसू लुढ़क कर गिर गये । जिस दिन पापा की मौत …..उसी दिन सुबह मेरी बच्ची ने दम तोड़ा था। डॉक्टर्स ने तो पूरी कोशिश की थी लेकिन …..हफ्ते भर तक जिंदगी की जंग लड़ने के बाद….. समीर फफक पड़ा। उसके अंतिम संस्कार की तैयारी….तब तेरा फोन आया की पापा भी….. रोज ने मुझे इंडिया आने के लिए कहा । हमने अपनी बच्ची की लाश को फ्रिजर में रखवा दिया और मै इंडिया आ गया। अगर वो ट्रेवल कर सकती तो शायद वो भी आती लेकिन.. भाईया आप ने मुझे पहले क्यों नहीं बताया कुछ। रोते हुए नंदिनी बोली ।

तुमने कभी जानने की कोशिश ही नही की । जब से पापा का अंतिम संस्कार करके लौट गया तूने बिल्कुल ही बात करनी बंद कर दी। कई बार टूटा बिखरा सोचा तू होती तो ठीक था लेकिन तब तो तूने मेरा फोन तक नहीं रिसीव किया छोटी ! मै अंदर ही अंदर बहुत टूटा हूँ और तूने भी मुझे बहुत तोड़ा है । पूरे कमरे में सिसकियों के सिवा कुछ नही बाकी था । दोनो रो रहें थें । उसके बाद तो सवाल ही नहीं उठा कि इंडिया आऊं लोगों से पता चला की तेरा तलाक हो गया है लेकिन तूने नहीं बताया उसी दिन समझ गया की तेरे लिए गैर हो चुका हूँ । जब कोई अपनी तकलीफ नहीं बताता उसे क्यों मै अपनी तकलीफ बताऊँ ? भैया ऐसा नहीं हैं मै गलतफहमी में जरूरी थी लेकिन कभी आपको गैर नहीं समझा। जब आप चलें गएँ थे उसके बाद दोबारा इंडिया आएं भी नहीं तो मुझे लगा की आप चाहते ही है की मै आपकी जिंदगी से दूर रहूं या आपको मुझसे जलन हो… वाह , बड़े भाई को छोटी बहन से जलन ? तू ही सोच सकती है ऐसा । जानती है तेरी हर खुशी में मैनें जश्न मनाया है चाहे खुद कितने दर्द में रहा हूँ । यहाँ से जाने के बाद रोज ने आदित्य को जन्म दिया था लेकिन जैसे ही पता चला की उसे भी जैनेटिक डिसऑर्डर है । उसके बाद तो रोज बिल्कुल पागल ही हो गई बोली मुझे मर जाने दो मै तुम्हें कोई खुशी नहीं दे सकती। मै ही जानता हूँ की मै उसे और आदित्य दोनों को कैसे संभालता हूँ। अगले हफ्ते मिलना है डॉक्टर से देखो क्या बताते है आदित्य के लिए। यही जिंदगी है मेरी कभी बीवी को हॉस्पिटल ले जाओ कभी बच्चे को और सारा काम मेरा बंद ही समझो। डॉक्टर आदित्य के इलाज के लिए जितना पैसा बताते है उतना नहीं है हम दोनो के पास इसीलिए रोज को लगता है की….उसे लगता है …आदित्य भी आन्या की तरफ ही मर जायेगा।मैने उससे कहा है कि मै अपने बच्चे को बचा लूंगा लेकिन कैसे ये नहीं मालूम। नहीं भैया हम बचा लेंगे अपने आदित्य को । नंदिनी समीर से लिपट के चीख-चीख कर रोने लगी। 

हमारा आदित्य कहीं नहीं जायेगा भैय्या…. मै वादा करती हूँ आपसे उसे कुछ नहीं होने दूंगी मै…..! 

मुझे नहीं पता वो बचेगा या नहीं लेकिन मुझे खुशी है की मेरी बहन मुझे वापस मिल गयी।

वो कहीं नहीं जायेगा मै भी कहीं नहीं जाउंगी और अब रोज भी … आप भाभी को इंडिया बुला लीजिये उनकी देखभाल मै करूंगी। समीर ने नंदिनी के माथे को चूम लिया। भाभी….ये शब्द अगर रोज सुनती तो आधी यूँ ही ठीक हो जाती।

To be Continued. ……

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