A Wild heart episode -47

 नंदिनी ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रही थी सब कुछ रेडी हो गया था बस मेकअप लगाना बाकी था। मेकअप..! जो नंदिनी रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल नहीं करती ,किसी पार्टी में या किसी मीटिंग में बस। ऑफिस में उसे ऐसे ही जाना पसंद है लेकिन पिछले दो दिनों से वो ऑफिस भी मेकअप लगा कर जाती है और घर पर भी मेकअप में ही रहती है । नंदिनी की कॉफी टेबल पर आ चुकी थी । 

नंदिनी मेकअप कर ही रही थी कि उसके कमरे में तनु आ जाती है, तनु को एक बार देखने के बाद नंदिनी दोबारा तनु को देखती है कि ये तनु ही है ! इतना बदला लुक. .? किसी बड़ी रियासत की रानी लग रही थी वो कोई मामूली सेक्रेटरी नहीं । तनु आते ही अपना पर्स एक तरफ सरका देती है और बैठ कर कॉफी पीने लगती है जोकि नंदिनी की थी। 

नंदिनी अपना सामान साइड करती है और तनु के पास खड़ी हो जाती है। खड़ी क्यों हैं बैठ जाइये । तनु नंदिनी से कहती है । Are you drunk? नंदिनी को लगा की तनु ने शराब पी है सुबह-सुबह ।

डियर नंदिनी जी , सुबह-सुबह मैं सिर्फ एक इंसान के साथ ड्रिंक कर सकती हूँ जो हैं वेद सर जिन्हें आपने बेइज्जत करके उनके प्यार को अंडरस्टीमेट करके न जाने कहाँ जाने को कह दिया है। आज पहली बार नंदिनी के सामने कोई पैर पर पैर रखकर बैठा तो वो तनु थी।       

तुम्हें देखकर कोई भी कह सकता है कि तुम अभी-अभी अमीर हुई हो। लेकिन जानती हो जिस कम्पनी की मालकिन बनकर तुम इतना घमंड कर रही हो उसके जैसी 10 कंपनीज को मैं अपनी जेब में रख कर घूमती हूँ । इसीलिए तुम्हे लगता हैं कि पैसों से क्लास आती है तो जरा मुझ से बचकर…… आपकी ये एज्यूम करने की आदत …. तनु हल्का हँस दी। ,” जो चीज सामने हो, उसे देखो, जानो परखो लेकिन ये क्या कि अनुमान लगाओ….. अनुमान तो हमेशा सही नहीं होते । तनु ने अपनी पर्स खोली और अपना पासपोर्ट नंदिनी की तरफ बढ़ा दिया।

तनुजा सिद्धार्थ जावेरी….. इसमें तो तुम्हारी फोटो है पर नाम किसी…. नंदिनी की आँखों में हैरानी तैरने लगी ।                मेरा ही है एक्स- एम्प्लाय ऑफ क्लिंटाफ :ग्रुप ऑफ एक्सिलेंस, आपने क्या सोचा सिर्फ एक ही इंसान वहाँ से निकला है आपके लिए ? 

व्हाट द फक. ..? नंदिनी ने पासपोर्ट टेबल पर पटक दिया । 

यस ! तनु ने फिर से अपनी पर्स से कुछ निकला , एक लिफाफा शायद ।

जानती हैं आप मैं वेद को कभी नहीं कह पायी कि वो मेरे क्रश है क्योंकि जबसे उनसे मिली थी तब से एक ही लड़की का नाम सुना था मैंने उनके मुँह से। एक बार तो उन्होने एक फोटो भी दिखाई मुझे एक 11 साल की लड़की की तस्वीर जो स्कूल की थी किसी प्रोग्राम की। देखिये जरा… तनु ने वो फोटो टेबल पर निकाल कर रख दी। नंदिनी ने गौर से देखा वो फोटो उसकी थी जब वो क्लास 6 में थी। तब उसने “Women empowerment ” पर निबंध लिख कर जूनियर वर्ग में पहला स्थान पाया था, वहीं तीन लड़को और एक लड़की के बाद एक 15 साल का लड़का खड़ा था जिसने सीनियर वर्ग में ट्रॉफी पायी थी। नंदिनी ने फोटो उठाकर हर बारीकी से उसे देखा। उसके हाथ से फोटो गिर गयी।,”ये कैसे हो सकता है ?” फोटो में वो लड़का कोई और नहीं बल्कि वेद था ।

जो लोग अनुमान पर जिंदगी बिताते है उनके लिए सुबूत हमेशा ही बचाकर रखना चाहिए । तनु ने वो तस्वीर उठाकर वापस पर्स में रख ली । हाँ तो मैं कहाँ थी? एक छोटी बच्ची की तस्वीर पर। मेरा जिस कॉलेज में एडमिशन था वहाँ वेद जैसे सीनियर का साथ मिलना वाकई कमाल का अनुभव था। मैं उनके लिए हैंडसम , रिच, पावरफुल मुस्कुलर बॉडी वाले लड़को को रिजेक्ट करती थी और वो स्कूल ड्रेस में दो चोटी बनाएं हुए छोटी सी बच्ची के लिए पागल थें। मैं जब भी ये तस्वीर देखती थी सोचती थी कि अगर कभी इससे मिली तो देखूंगी भला क्या खास हैं इसमें जो उन्हें दुनिया की सारी लड़की फीकी लगती हैं इसके आगे। मैं जब भी इनके पास बैठती थी तो सोचती थी बात करेंगे मुझसे लेकिन इनके पास बातें किसकी थी सिर्फ आपकी। 

   मुझे वो अपना सबसे अच्छा दोस्त मानने लगे थें इसीलिए हर बात बताते थे आपकी मुझको। मुझे आज तक समझ नहीं आया सालों पहले देखे दृश्यों को कोई बिना धुंधला किये कैसे बता सकता है किसी को। एक दिन उसने लड़को से मार की ये कपड़े पहने थे छोटी ऐसी थी, कहाँ चोट लग गयी थी उसे, लंच में किस पेड़ के नीचे बैठती थी, प्रिंसिपल ऑफिस में कैसे झगड़ा किया था , पीटी टीचर से ऐसे बहस कर देती थी, चपरासी से ऐसे बात करती थी ….उफ. …! जब तक वो यहाँ रहें, एक ही स्कूल में पढ़े तब तक की एक-एक बात याद हैं उन्हें उसके बाद उनके पापा का बिज़नेस चल निकला तो फिर से उन्हें अमेरिका बुला लिया नानी के घर से। फिर हाईस्कूल वहीं पास किया उन्होंने कॉलेज भी वहीं से पूरा किया। लेकिन इन सब में वो कभी आपको भूले ही नहीं। हमेशा आपको ढूंढते ही रहें। तनु बोलती जा रही थी और नंदिनी अपना चेहरा हाथों से बंद किये बैठी थी। उन्हें पता चला कि आपने वाइटमून जॉइन की हैं, तो उन्होंने वाइटमून के एक-एक स्टेप पर नजर रखना शुरु कर दिया था । फिर उन्हें पता चला की आपने वाइटमून से अलग होकर अपनी खुद की कंपनी शुरु कर दी है। वो समझ गएँ थें की आपको सपोर्ट और अच्छे सलाहकार की जरूरत है। उनकी नजर में मैं एक बेस्ट एडवाइजर और सपोर्टर दोनों थी उनकी दोस्त भी और तब तक उनकी सेक्रेटरी भी बन चुकी थी मुझसे ज्यादा वो किसी पर भी भरोसा नहीं करतें थें। एक दिन वो मेरे पास आएं मेरे डॉक्यूमेंट थे उनके हाथ में कुछ सही कुछ जाली मुझसे बोले तनु अपने दोस्त के लिए कुछ करोगी ? मेरे हाँ कहतें ही मैं उन कागजात के साथ में आपको और अभिनव को अपना झूठा इंट्रो और इंटरव्यू दे रही थी। उन्हें लगता था की इस तरह वो आपकी मदद भी कर पाएंगे आपके बारे में जानकारी भी रख पाएंगे। जब मैंने आपके साथ वक्त गुजारा तब मैंने जाना की आखिर ऐसा क्या है आपमें जो आपको औरों से अलग बनाता हैं क्यों सर पागल हैं आपके पीछे। आपके पापा की तबियत खराब थी तो वो आना चाहते थे लेकिन जैसे ही मेरे मुँह से उन्हें पता चला की आपने अभिनव से शादी का फैसला लिया हैं नहीं आ पाएं वो…. बोलते-बोलते तनु की आँखों में आँसू आ गएँ थें और नंदिनी का सर उसके घुटनों पर। 

मैं वापस अमेरिका जाना चाहती थी सर से परमिशन भी ले ली थी लेकिन शादी के कुछ ही महीनों में आप दोनों में ईगो-क्लैस की दिक्कत होने लगी। मैंने सर को बताया तो उन्होंने मुझसे कहा दोनों का रिश्ता सुधरने तक तुम नंदिनी के पास रहो। उन्हें लगता था कि रिश्ता ठीक हो जाएगा लेकिन मैंने उन्हें आप दोंनो के तलाक की खबर दे दी । बेचारे अपना सब कुछ छोड़कर….. एक मिनट सबकुछ में आप उनकी 2 लोगों की फैमिली और प्रॉपर्टी तो नहीं सोच रही है? नहीं वेदांत मोइत्रा की फैमिली इस पूरी दुनिया में फैली है नंदिनी जी । नंदिनी ने तुरंत अपना सर उठाकर तनु की तरफ देखा ,” वेदांत मोइत्रा तो मालिक है क्लिंटाफ कंपनी के!” नंदिनी की आँखें फैली हुई थीं जैसे उसने कोई आँठवा अजूबा देख लिया हो।

अब जरूर लग रहा होगा आपको कि मैंने पी रखी है लेकिन हकीकत यही है एक ग्लोबल कम्पनी का मालिक एक नॉर्मल लड़की के लिए इस कदर पागल हुआ कि उसे अपनी कंपनी की फ़िक्र नहीं रहीं वो कंपनी जिसे उसके बाप ने अपने खून-पसीने से बनाया था । उसे अपने कुछ भरोसेमंद लोगों के हवाले कर वेदांत इंडिया आ गएँ। जिस कम्पनी के लिए रोज मीटिंग पर मीटिंग करतें थें उसे देखने सिर्फ महीने में एक बार जाने लगे । आपके लिए उन्होंने यहाँ सब कुछ सहा आपका ऐटिट्यूड भी , अभिनव के ताने भी मिस्टर शुक्ला की धमकी भी और मेरा गुस्सा भी । जब वेद की वजह से कोई बढ़िया डील होती थी तो सब आपको बधाई देतें थें लेकिन जब आप कोई गलत निर्णय लेतीं थीं तो सुनना मुझे और वेद सर को पड़ता था । आपने कात्यायन ब्रदर्स के साथ डील की घाटा उठाया , हम दोनों शाजिश का शिकार हुए, आपने ऑफिस छोड़ा , लोगों के सवालों का सामना किया वेद ने , सिचुएशन को फेस किया वेद ने , आपको मुझको संभाला वेद ने , सही गलत हर फैसले का सम्मान किया उन्होंनें आपके लेकिन बदले में उन्हें मिला क्या उलटे एक आँख जाते-जाते बची उनकी …. तनु की आवाज में गुस्सा भर आया था और नंदिनी सिसक-सिसक के रो रहीं थी । तनु मैं सच कहती हूँ. …. नंदिनी कुछ बोलने वाली थी लेकिन तनु ने उसकी बात पूरी नहीं होने दी। वो टहलते हुए खड़की के पास खड़ी हो गयी और नंदिनी को हकीकत बताना जारी रखा।

 

कुछ मत कहिये नंदिनी जी आप, आज तो सुन लीजिये किसी और की भी हमेशा अपनी ही बोलना आदमी को बहरा बना देता है फिर वो कभी दूसरे का कहना सुन नहीं पाता, सुन पाता है तो समझ नहीं पता और समझ पाता है तो बर्दाश नहीं कर पाता जैसे उस दिन वेद ने अपने दिल की बात की तो आप समझ ही नहीं पायी उन्हें उल्टा-सीधा भला-बुरा कह डाला सब । तनु प्लीज ये सब मत कहो…..! 

क्यों न कहूँ बहुत सच सुनने का शौक है न आपको तो सुनिए आपको पता है मैं केस करने वाली थी उन दोनों के ऊपर लेकिन सर ने मुझे रोक लिया क्यों? ताकि आपकी इज्जत का तमाशा न बन जाएँ कहीं। मेरी नजरों में बुरे बन गएँ वो लेकिन आपको किसी की नजरों में बुरा नहीं बनने दिया। सर ने आपके लिए खुद की जान का रिस्क लेकर अभिनव और उस लड़की का वीडियो बनाया था। उन्होंने हमेशा सभी अनुभवी कर्मचारियों और पदाधिकारियों की सहमति से ही डील साइन की है लेकिन जब आपने बिज़नेस लाइन छोड़ने का फैसला किया तो अपनी कम्पनी के पदाधिकारियों से पूछे बिना ही आपको ईमेल भेजवा दिया ताकि आपको मोटिवेशन मिल सकें। आप कमरे में आराम से सोती थी और वो बाहर पहरा दे रहें होतें थें कि कहीं आप कुछ कर न ले। दिन भर आपके ऑफिस संभालने के बाद रात में आपको संभालना….. कभी सोचा है की वो 12-13 दिन आपके लिए मुश्किल थें या सर के लिए ? तनु की आंखो से आंसू ऐसे बह रहें थें जैसे किसी झरने से पानी गिर रहा हो और मुँह से सवाल ऐसे निकल रहें थें जैसे नंदिनी पर शब्दबाण की वर्षा हो रही हो । 

आप सही कहती थी मैम उन्होंने आपसे प्यार नहीं किया था पूजा की थी आपकी 15 सालों से तपस्या कर रहें थें जिसका फल ये मिला कि उनके प्यार को एक धोखा कहकर एक मजाक समझ कर उन्हें हमेशा-हमेशा के लिए जिंदगी से ही निकाल दिया गया। कह दिया गया की तुम मेरे होते कौन हो?वाह भाई वाह जिस इंसान की जिंदगी आपमें बसती हो उससे ये सवाल कितनी बड़ी बेहूदगी है न ! उनके साथ ऐसा ही होना चाहिए उन्होंने मेरा दिल दुखाया था उसी की सजा मिली उन्हें मुझे तो अरुण का साथ मिल गया लेकिन उन्हें तो कोई सहारा देने वाला भी नहीं हैं । तनु हँसने लगी लेकिन उस हँसी में व्यंग था, दर्द था ,गुस्सा था । ता….नु प्लीज यार….नंदिनी बेतहाशा रो रही थी । 

 प्लीज. ..ये शब्द कभी आपने उनसे भी कहा होता जिसने आपका गुस्सा, आपके नखरे, आपका शक, आपका ईगो सब झेलने के बाद भी ये सॉरी, थैंक यू ये शब्द ही तो नसीब नहीं हुए उन्हें। 700 करोड़ की हवेली में रहने वाला इंसान यहाँ 80 करोड़ के एक बंगल में एक कोना लेकर रहता था सिर्फ यहीं शब्द सुनने के लिए। लेकिन नंदिनी सिंघानिया ने जब ये शब्द अपने भाई को नहीं बोले तो एक बाहरी आदमी को क्या खाक बोलेगी। नंदिनी सिंघानिया….वाह क्या नाम है पता नहीं किसने रखा है लेकिन जिसमे भी रखा है आज बहुत पछताता होगा क्योंकि इस नाम की कोमलता, सरलता, पवित्रता , चंचलता तो हैं ही नहीं आपने शक करना, साजिश करना, ईंट का जवाब पत्थर से देना बस ये हैं आपका स्वभाव। अब इस स्वभाव में किसी के प्यार को न समझ पाएं तो गलती आपकी नहीं उसकी हैं क्यों कोई प्यार करें ऐसी लड़की से जो सेल्फ सेंटरर्ड हो सेल्फिश हो जिसके आगे खुद के सिवा कोई दुनिया ही ना हो। मुझे समझ आ गया समीर को समझ आ गया, अरुण समझ गया लेकिन आपको नहीं समझ आया कि वो आपसे कितना प्यार करतें हैं । अब आप खुद सोच सकती है कि. ….

बस करों तनु….. नंदिनी चीख पड़ी ।

कैसे बस कर दूँ मैं इतने सालों से खुद में ये सब भर रही हूँ ऐसे कैसे बस कर दूँ! फिर आप ही को तो उनका प्यार मजाक लग रहा था न , आपको लगा कि वो आपका दिल रखने के लिए आप पर अहसान करने के लिए आपसे झूठ बोल रहें हैं। इसीलिए आपने उन्हें हमेशा के लिए दूर कर दिया अब कमसे कम आपकी गलतफहमी भी तो दूर करने दीजिये। यहाँ आएं थें वो आपकी मदद करने आपके साथ वक्त बिताने और आपको खुश रखने लेकिन जब तक यहाँ रहें आपकी नाराजगी के सिवा कुछ नहीं झेला फिर भी जब भी आपने कभी प्यार से बात कर ली या धोखे से छू भी लिया तो अगले दिन जब तक मुझे सब बता नहीं देतें थें घर नहीं आतें थें। पहली बार जब आपको बाहों में उठाया था तब अपनी हालत को शब्दों में बयां भी नहीं कर पाए थें। एक दिन कॉफी पर लेकर गईं थीं उन्हें आप अगले दिन ऐसे चल रहें थें ऑफिस में जैसे पैर जमीन पर ही न हो ।

आपको याद है आपने मिस्टर शुक्ला पर हमला करवाया था लेकिन उन्होंने काफी दिन तक आप पर केस नहीं किया था अपनी बेटी की शादी के लिए चुप नहीं बैठे थे वो बल्कि वेद ने भारी- भरकम कीमत चुकाई थी उस चुप्पी की ताकि उनके प्यार को कुछ हो न जाएँ , अभिनव से नोक-झोक से लेकर समीर को बहला कर इंडिया बुलाने तक, अपने परिवार के याद आने से चुप-चुप के अकेले रोने तक हर लम्हें में उन्होंने आपसे प्यार किया और आप कहती है की वो प्यार नहीं आपसे मजाक करतें हैं। अगर ये मजाक हैं तो मैं चाहूंगी की ये मजाक दुनिया की हर लड़की के साथ हो। आप में कुछ कमियां थीं, ईगो था , नफरत थी उन सब को नजरअंदाज़ करके उन्होंने आपके साथ ऐसा मजाक किया तो डेफिनेटली ये एक पागलपन की मिसाल थी। तरुण की हत्या के असल सुबूत छुपाकर, उस सडक की सारी CCTV की फुटेज डिलीट करवा कर , भर-भर कर पैसे देकर डॉक्टर्स से झूठी रिपोर्ट तैयार करवा कर इन सब तरीकों की बातों में उनका मजाक वाला पागलपन झलकता है। आप इस पागलपन को मजाक समझती हैं, मैं इसे इबादत समझती हूँ और वो इसे मोहब्बत कहते….. तनु बोले ही जा रही थी लेकिन धड़ाम से कुछ गिरने की आवाज से वो पलटी तो देखा नंदिनी सोफे पर से बेहोश होकर फर्श पर गिर पड़ी है। मैम….तनु उसकी तरफ दौड़ी और उसकी गोद को अपने सर में संभाल लिया । मैम …. उठिये आँखें खोलिये….भैय्या… भाभी…देखिये मैम को क्या हो गया…रूपा…विनीती…जगत…. तनु जोर-जोर से सबको आवाजें देनें लगी। 2 मिनट में पूरा कमरा भर गया। समीर ने नंदिनी को उठाकर बिस्तर पर लिटाया, रोज ने दौड़कर डॉक्टर को फोन किया सभी अपनी-अपनी तरकीबों से उसे होश में लाने की कोशिश करने लगें ।

To be Continued. ….

share also

2 thoughts on “A Wild heart episode -47”

Leave a comment

error: Content is protected !!